
धमाका खास खबर: छत्तीसगढ़ पीएससी की टॉपर सूची में आए शशांक और भूमिका, कोलारस के हैं मूलनिवासी
Shivpuri शिवपुरी। हमारा जिला प्रतिभाओं की खान है। इतिहास की ओर अग्रसर शिवपुरी की माटी ने देश से लेकर विदेश तक अपने जज्बे की खुशबू बिखेरी है। शुक्रवार को एक और उपलब्धि जिले के नाम जुड़ गई जब एक दंपत्ति ने कमाल कर दिखाया हैं। पति शशांक और उनकी अर्धांगनी भूमिका ने छत्तीसगढ़ पीएससी की टॉपर सूची में अपना नाम दर्ज करवा लिया और दोनों डिप्टी कलेक्टर बन गए हैं। मूल रूप से ग्राम माढा कोलारस जिला शिवपुरी निवासी एक दंपत्ति ने छत्तीसगढ़ पीएससी में बाजी मार ली है। जहां पति शशांक ने तीसरी रैंक हासिल की वही पत्नी भूमिका ने चौथी रैंक हासिल की हैं।शहर की पुरानी शिवपुरी लुहारपुरा निवासी जानेमाने व्यवसाई दिलीप वैश्य के शशांक भांजे और भूमिका भानेज बहु हैं। उन्हे जानकारी लगी तो वे फूले नहीं समाए। इधर सिद्धेश्वर कॉलोनी में निवासरत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारी इंजीनियर राकेश गोयल शशांक के ताऊजी हैं, उन्होंने बताया कि उनके भाई श्रवण गोयल का तबादला रायपुर हुआ था, तबसे वे बच्चों के साथ वहीं बस गए। पिछले साल 2022 में शशांक की शादी भी हो गई। शशांक इससे पहले तीन बार पीएससी फाइट कर चुके द्वितीय चरण में बिलासपुर में सब रजिस्ट्रार पद पर नियुक्त थे और इस बार की पीएससी में छत्तीसगढ़ प्रदेश की टॉप टेन सूची में तीसरे स्थान पर हैं। जबकि उनकी पत्नी भूमिका ने चौथी रैंक हासिल की है। शशांक गोयल ने बताया कि अब तक वह 3 पीएसी दे चुके हैं। पहली बार पीएससी में असफल रहे लेकिन दूसरी पीएससी में उन्होंने सब रजिस्ट्रार का पद हासिल किया। फिलहाल वह बिलासपुर में पदस्थ हैं। हालाकि शशांक कहते हैं की छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम में पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल हुआ। अब डिप्टी कलेक्टर बनकर अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे हालांकि मेरा सपना आईएएस बनना है, और यूपीएससी फाइट करना है। इधर भूमिका ने परीक्षा की तैयारी मायके में की जबकि ससुराल रहते परीक्षा दी। उन्होंने दोनों की घरों के माता पिता के सहयोग की बात स्वीकारी। सभी ने दोनों का मुंह मीठा करवाया। भूमिका को दूसरे चरण में पीएससी की सफलता हासिल हुई। उन्होंने बताया कि आंसर राइटिंग का अभ्यास उन्होंने किया और पिछली पीएससी के दौरान जिन गलतियों को उन्होंने किया था उनसे सबक लेते हुए उन्हें दूर करने लगातार अभ्यास किया। पति से भी टिप्स लिए, नतीजा यह रहा कि शादी को साल भर ही हुआ था। और एक ही साल में हम दोनों डिप्टी कलेक्टर के पद पर पहुंच गए। हम मिलकर घरेलू काम तो साथ करते ही थे, अब प्रशासनिक भूमिका भी साथ में जिम्मेदारी से निभाएंगे।

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