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धमाका खास खबर: भोपाल मण्डल ने किए ग्रीन एनर्जी एवं ऊर्जा संरक्षण की दिशा में अनुकरणीय कार्य, हो रही लाखों की बचत, देखिए कैसे

शनिवार, 13 मई 2023

/ by Vipin Shukla Mama
भोपाल। पश्चिम मध्य रेल, भोपाल मंडल के मण्डल रेल प्रबन्धक श्री सौरभ बंदोपाध्याय के कुशल मार्गदर्शन में विद्युत विभाग द्वारा वर्ष 2022-23 के दौरान ग्रीन एनर्जी एवं ऊर्जा संरक्षण की दिशा में अनुकरणीय कार्य किये गए हैं। जिससे ऊर्जा उत्पादन के साथ साथ रेल राजस्व की भी बचत हो रही है।
भोपाल मण्डल में राजस्व की बचत एवं ऊर्जा संरक्षण की दृष्टि से कार्य करते हुए मंडल के 12 स्टेशनों (माथेला, खिरकिया, टिमरनी, बानापुरा, छनेरा, अशोनगर, मुंगावली, शाजापुर, मंडीबामोरा, कंजिया, गुलाबगंज, मंडीदीप) पर 5 किलोवॉट (KW) ग्रिड कनेक्टेड सौर ऊर्जा संयत्र लगाए गए एवं गंजबासौदा स्टेशन मे 5 किलोवॉट (KW) का ऑफ ग्रिड सौर ऊर्जा संयत्र लगाया गया।  इनसे महीने में लगभग 8380 यूनिट्स बिजली पैदा हो रही है। जिससे लगभग रुपये 9 लाख की सालाना बचत होगी। इसके अतिरिक्त एक विंड सोलर हाइब्रिड प्लांट विदिशा स्टेशन पर भी लगाया गया है, जो कि भोपाल मण्डल का एक और नवकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के लिए उठाया गया कदम है। इसके अलावा गत वर्ष में लगभग 650 BLDC पंखे  प्लेटफॉर्म एवं स्टेशन/सर्विस बिल्डिंग में लगाए गए। ये पंखे कन्वेन्शनल पंखों से कम बिजली खपत करते है। इन पंखों के इस्तेमाल से वर्ष में लगभग रुपये 11 लाख की बचत होगी।
 प्रधानमंत्री जी के दृष्टिकोण के अनुसार, प्रत्येक राज्य में एक शहर को नेट ज़ीरो सौर शहर के रूप में विकसित किया जाना है। इस योजना के तहत मध्य प्रदेश ने सांची को नेट जीरो सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के लिए चिन्हित किया है। जिसके तहत सांची स्टेशन पर सभी  रेल्वे इन्स्टालैशन को सौर ऊर्जा से चलित करने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम भोपाल एवं पश्चिम मध्य रेल भोपाल मण्डल के बीच एक एमओयू (MoU) साइन हुआ। इसमे जो भी बिजली MPSEB से खरीदी जा रही थी अब वह पूरी ऊर्जा का उत्पादन सौर संयत्र से होगा। अतः यह एक नेट ज़ीरो स्टेशन बन जाएगा, अर्थात जितनी विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता है, वह बाहर से ना लेकर स्वयं उत्पादन करेगा। जिसके अंतर्गत सांची पर 50 kw का रूफ़टॉप सोलर प्लांट लगाया गया है। इस प्लांट से लगभग 6500 यूनिट्स प्रति माह बिजली उत्पादन व लगभग रुपये 3.9 लाख प्रति वर्ष बचत की अपेक्षित है। इस प्रकार का प्रयोग राज्य के साथ पश्चिम मध्य रेल में प्रथम है।

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