शिवपुरी, 18 मई का दिन हर साल विश्व संग्रहालय दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज रेडिऐन्ट कॉलेज एवं आई.टी.आई के छात्र-छात्राओं ने शिवपुरी संग्रहालय का भ्रमण कर अपने जिले की गौरवशाली संस्कृति एवं इतिहास को जाना।
शिवपुरी जिला संग्रहालय के प्रवेश द्वार को टुंडा भरका खो के पास स्थित चुरेल छाछ का आकर्षक रूप दिया गया है तथा उस पर पेंटिंग भी अतीत की ओर ले जाती है।
दरअसल संग्रहालय हमें अतीत की स्थापत्य कला, मूर्तिकला,साज-सामान, खान-पान जीवन शैली, आर्थिक, सामाजिक पहलूओं से अवगत कराते है। शिवपुरी के संग्रहालय में जिले के नरवर, खनियाधाना, शिवपुरी, कोलारस, बदरवास, बैराड आदि क्षेत्रों से प्राप्त मूर्तियों का बडा संग्रह है।
अखलाक खान ने छात्रों को बताया कि संग्रहालय से हमें अपने इतिहास को सही रूप में समझने संस्कृति एवं कलात्मक उत्कृष्टता एवं ज्ञान का वैज्ञानिक विश्लेषण कर भविष्य की जीवन शैली में मार्गदर्शक की राह दिखाते है। अतः संग्रहालय अतीत और भविष्य के बीच पुल का काम करते है।
रेडिऐन्ट ग्रुप के संचालक शाहिद खान ने बताया कि इंटरनेशनल कांसिल ऑफ म्यूजियम ने 18 मई 1977 से संग्रहालय दिवस मनाने का निर्णय लिया था। आपने कहा संग्रहालय दुनिया की विरासत को संरक्षित करने उनका संग्रह शोध करने एवं प्रचार-प्रसार,प्रदर्शन एवं ज्ञान प्राप्ति में मददगार होते है। इस भ्रमण मैं शिवपुरी संग्रालय के सहायक अधीक्षक श्री राठौर जी,प्रदीप जी ,एवं अन्य स्टाफ ने छात्रों का मार्ग दर्शन किया।
अंत में संग्रहालय के स्टाफ द्वारा रेडिऐन्ट कॉलेज एवं आई.टी.आई के छात्रों को स्वल्पाहार देकर विदाई दी।

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