
धमाका बड़ी खबर: शहर के व्यापारियों को मिले आयकर बकाया के नोटिस तो उड़े होश, जिस नामी वकील को दे चुके रुपए उसने आधे अधूरे जमा कर खड़ा किया संकट, मामला करोड़ों का !
शिवपुरी। शहर के कुछ व्यापारियों को आयकर बकाया के नोटिस मिलने से होश उड़ गए हैं, होश खोने की वजह ये हैं की व्यवसाई दोषी नहीं हैं बल्कि उन्होंने तो समय रहते अपने रिटर्न फाइल करने के एवज में रूपये अपने जिस नामी वकील को दिए थे उसने आधे अधूरे रुपए जमा कर संकट खड़ा कर डाला हैं। मामला करोड़ों का बताया जा रहा हैं। बता दें की शहर के ख्यातिनाम आयकर वकील पर उंगलियां उठ रही हैं। सालों से आयकर विभाग में जिनकी तूती बोलती आई हैं। एक नामी सामाजिक संस्था के भी आप सिरमौर रहे हैं। उनके ऊपर उंगलियां उठने के चलते नगर में खलबली मच गई हैं। ये बात किसी को हजम नहीं हो पा रही की आखिर सैकड़ों व्यवसाइयों के विश्वसनीय वकील उनके साथ ऐसा बड़ा कांड अंजाम दे सकते हैं। गड़बड़ी की बात की जाय तो बताया जा रहा हैं की नगर के करदाताओं ने आयकर टैक्स जमा कराने के लिए अपने वकील को बैंक अकाउंट के माध्यम से आरटीजीएस एवं अन्य माध्यम से जो आयकर कर राशि भेजी थी वह सरकार को जमा नहीं की गयी या उसमें से कुछ रुपये का आयकर जमा कर चालान के रूप में जमा करने के पश्चात वास्तविक राशि का कूट रचित फर्जी चालान बनाकर आपकी आयकर विवरणी फाइल कर देने की जानकारी व्यवसाईयो को दे दी गई। कहा तो यह भी जा रहा हैं की यह सिलसिला पुराना हैं। व्यापारी अपनी वास्तविक आयकर की जमा राशि की जानकारी आयकर विभाग के फॉर्म 26 AS से प्राप्त कर सकते हैं।जिस वर्ष से संबंधित आपने आयकर वकील को टैक्स के रूप में आयकर की राशि भेजी थी कहीं उन्होंने फर्जी चालान बनाकर आपका आइटीआर रिटर्न फाइल तो नहीं की ? यदि ऐसा उनके द्वारा किया गया है तो यह फर्जी चालान कूट रचित दस्तावेज माना जाएगा जो अपराधिक श्रेणी में आता है। भारत सरकार के अधीनस्थ आयकर विभाग आपके ऊपर आईपीसी की धारा 420 467 468 व 471 का प्रकरण दर्ज करा सकता है इसके पूर्व आप पर कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज हो आप अपने बचाव के रूप में तुरंत प्रशासनिक अधिकारी, शिवपुरी और आयकर विभाग में इसकी सूचना तत्काल प्रेषित करें जिससे आप होने वाली किसी भी वैधानिक अपराधिक कार्रवाई होने के पूर्व स्वयं का बचाव कर सकते हैं।

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