शिवपुरी। प्रसिद्ध साहित्यकार 'विष्णु प्रभाकर' पर केन्द्रित एक वार्ता का प्रसारण 12 जून सोमवार को आकाशवाणी शिवपुरी से होगा। सुबह सात बजकर बीस मिनट पर प्रसारित होने वाली इस वार्ता का विषय 'विष्णु प्रभाकर की कृतियों में सामाजिक चेतना' है। वहीं वार्ताकार हैं, लेखक ज़ाहिद ख़ान। गौरतलब है कि हिन्दी—उर्दू के कई बड़े रचनाकारों मसलन प्रेमचंद, वृंदावनलाल वर्मा, मिर्ज़ा ग़ालिब, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ वगैरह और विशेष दिवस 'विश्व हिन्दी दिवस', 'तात्या टोपे बलिदान दिवस' आदि पर ज़ाहिद ख़ान की कई वार्ताएं आकाशवाणी शिवपुरी से इससे पहले प्रसारित हो चुकी हैं। जिन्हें श्रोताओं द्वारा ख़ूब पसंद किया गया है।
विष्णु प्रभाकर, गांधीवादी साहित्यकार थे। उन्होंने साहित्य की तक़रीबन सभी विधाओं कहानी, कविता, उपन्यास, नाटक, एकांकी, जीवनी, संस्मरण, यात्रा-वृतांत, बाल कहानियां, बाल नाटक, अनुवाद, विचार-निबंध आदि में जमकर लिखा। उनकी किताबों की संख्या सौ से ऊपर है। देश-विदेश की कई भाषाओं में इन किताबों का अनुवाद हुआ है। विष्णु प्रभाकर का एक महत्त्वपूर्ण कार्य बांग्ला भाषा के चर्चित रचनाकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की जीवनी ‘आवारा मसीहा’ लिखना है। हिन्दी साहित्य में विशिष्ट योगदान के लिए विष्णु प्रभाकर कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किए गए। उपन्यास ‘अर्द्धनारीश्वर’ के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, तो भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया। ‘पाब्लो नेरूदा सम्मान’, ‘राष्ट्रीय एकता पुरस्कार’, हिन्दी अकादमी का ‘शलाका सम्मान’, भारतीय ज्ञानपीठ का ‘मूर्ति देवी पुरस्कार’ और ‘सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार’ उन्हें मिले कुछ प्रमुख सम्मान हैं।

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