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धमाका धर्म: 14 वर्ष के पश्चात गुरूणी मैया साध्वी रमणीक कुंवर जी का शिवपुरी में हुआ भव्य मांगलिक प्रवेश

रविवार, 25 जून 2023

/ by Vipin Shukla Mama
उत्साह और उमंग के साथ नगर से निकली चातुर्मासिक मंगल प्रवेश यात्रा, वर्षावास में पूरे पांच माह बहेगी नगर में धर्म की गंगा
शिवपुरी। 14 वर्ष के पश्चात प्रसिद्ध जैन साध्वी गुरूणी मैया रमणीक कुंवर जी म.सा. ठाणा 5 सतियों का वर्षावास हेतु शिवपुरी में आज भव्य मांगलिक प्रवेश हुआ। साध्वी मंडल का शिवपुरी में धूमधाम, उत्साह और उमंग के साथ मांगलिक प्रवेश छत्री रोड स्थित श्रावक दीपेश सांखला के निवास स्थान से प्रारंभ हुआ। इसके पश्चात नगर के प्रमुख मार्गों से मांगलिक प्रवेश यात्रा निकाली गई जिसमें जैन और जैनेत्तर समाज के सैकड़ों भक्तों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। मांगलिक प्रवेश यात्रा माधवचौक, गांधी चौक, सदर बाजार, निचला बाजार, कोतवाली रोड, अस्पताल चौराहा, कोर्ट रोड होते हुए जैन स्थानक पहुंची। रास्ते में अनेक भक्तों ने मांगलिक प्रवेश यात्रा का स्वागत किया। यात्रा में शामिल भक्तगण भगवान महावीर स्वामी की जय हो, गुरूणी मैया रमणीक कुंवर जी म.सा. की जय हो के नारों से आकाश गुंजायमान कर रहे थे। जैन स्थानक में पहुंचने पर साध्वी रमणीक कुंवर जी, साध्वी नूतन प्रभाश्री जी, साध्वी पूनम श्रीजी, साध्वी जयश्री जी और साध्वी वंदना श्रीजी का वंदन अभिनंदन जैन श्रीसंघ ने हर्ष-हर्ष, जय हो-जय हो के नारों से किया। धर्मसभा में धर्मावलंबियों ने गुरूणी मैया रमणीक कुंवर जी म.सा. के गुणों का बखान किया।
शिवपुरी में गुरूणी मैया रमणीक कुंवर जी म.सा. के चातुर्मास के लिए जैन और जैनेत्तर समाज में अपार उत्साह है। उनके भक्तों की संख्या जितनी जैनों की है उससे कम अजैनों की नहीं है। साध्वी रमणीक कुंवर जी और उनकी सतियों के 2009 के चातुर्मास की मधुर और अविस्मरणीय यादें आज भी लोगों के जेहन में हैं। यही कारण है कि पिछले 14 वर्षों से शिवपुरी की धर्मप्रेमी जनता उनके चातुर्मास की बाट जोह रही थी। साध्वी रमणीक कुंवर जी की मांगलिक प्रवेश यात्रा सुबह 9 बजे सिद्धेश्वर रोड से प्रारंभ हुई। स्थान-स्थान पर उनके स्वागत में बैनर, पोस्टर और होर्डिंग्स लगे हुए थे। धर्मपे्रमी बढ़चढ़कर उनके स्वागत में जोरदार धार्मिक नारे लगा रहे थे। साध्वी रमणीक कुंवर जी और उनकी चार सुशिष्याएं शिवपुरी में पूरे पांच माह तक रहकर धर्मोपदेश देंगी। धर्मसभा में नवकार मंत्र की महिमा की जोरदार प्रस्तुति नन्हे मुन्ने बालिकों ने की और धर्मपे्रमियों ने उनका उत्साह बढ़ाते हुए उन्हें प्रोत्साहन राशि भेंट की। ब्रह्मी महिला मंडल की बहिनों, सुनयना कोचेटा और श्रीमती पुष्पा गूगलिया ने स्वागत गीत गाकर जैन सतियों का स्वागत किया। वहीं श्वेताम्बर जैन मूर्ति पूजक संघ के अध्यक्ष तेजमल सांखला, महावीर जिनालय के ट्रस्टी चंद्रकुमार जैन, संजीव बांझल आदि ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए धर्मप्रेमियों से साध्वी जी के चातुर्मास का लाभ उठाने की अपील की। स्वागत भाषण अशोक कोचेटा ने दिया जबकि आभार प्रदर्शन की रस्म चातुर्मास कमेटी के सचिव सुमत कोचेटा ने निर्वहन की।
हमारा चातुर्मासिक प्रवेश आपके जीवन में धर्म प्रवेश का अवसर : साध्वी नूतन प्रभाश्री जी
धर्मसभा में साध्वी नूतन प्रभाश्री जी ने कहा कि हमारा शिवपुरी में वर्षावास आपके जीवन में धर्म प्रवेश का एक अवसर भी है। गुरूणी मैया आपके नगर में वर्षावास हेतु पधारीं हैं। कुआं खुद प्यासे के पास चलकर आया है। इस अवसर का उपयोग करें और अपने जीवन में चातुर्मास अवधि में धर्म का प्रवेश कराएं। भगवान महावीर की शाला के शिष्य बनें और ज्ञान, श्रद्धा, चरित्र और भावना को परिशुद्ध कर मोक्ष के मार्ग को खोलें। साध्वी जी ने कहा कि मोक्ष के मार्ग की तरह मोक्ष के चार द्वार भी हैं। दान, शील, तप और शुद्ध भावना को अंगीकार कर हम अपने मोक्ष का द्वार खोल सकते हैं। उन्होंने दान को मोक्ष का पहला द्वार बताया और कहा कि प्रत्येक दिन हमें कुछ न कुछ दान करना चाहिए। धर्मसभा में साध्वी जयश्री जी ने चातुर्मास की महिमा का गान किया वहीं साध्वी वंदना श्रीजी ने सुमधुर स्वर में गायन किया कि गुरूवर के हर वचन को जीवन में उतारना है और अपने जीवन को सार्थक करना है।
मानवता से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता : साध्वी रमणीक कुंवर जी
धर्मसभा में साध्वी रमणीक कुंवर जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि चाहे किसी भी धर्म को मानो, उनकी मान्यता और परम्पराओं को स्वीकार करो, लेकिन मानवता से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता और जिसके जीवन में मानवता और करूणा का वास है, प्रभु का द्वार उसके बिल्कुल निकट है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने भी हमें मानवता और अहिंसा का संदेश दिया है और भगवान के उपदेशों को जीवन में उतारना सबसे बड़ी धार्मिकता है। शिवपुरी में अपने अभूतपूर्व स्वागत से गुरूणी मैया काफी अभिभूत नजर आईं।
धर्मसभा में दानदाताओं का हुआ सम्मान
साध्वी रमणीक कुंवर जी भले ही जैन समाज की साध्वी हैं, लेकिन जैनेत्तर समाज में भी उनकी मान्यता कम नहीं है और उनके भक्तों की संख्या बहुत है। साध्वी जी के शिवपुरी चातुर्मास के अवसर पर पूरे पांच माह तक नि:शुल्क रूप से भोजनशाला संचालित रहेगी जिसमें बाहर से आने वाले अतिथियों को नवकारसी और भोजन की सुविधा उपलब्ध रहेगी और भोजनशाला हेतु अशोक अग्रवाल एडवोकेट ने 1 लाख 1 हजार 111 रूपए का दान किया है। वहीं डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने भोजनशाला हेतु 51 हजार रूपए की राशि भेंट की है। जैनेत्तर समाज के गोविन्द सोनी ने 21111 रूपए और हरीभाई शर्मा ने 21111 रूपए की राशि भेंट की है। दानदाताओं का साध्वी जी की प्रेरणा से श्वेताम्बर जैन समाज के पदाधिकारियों ने स्वागत किया।













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