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धमाका ग्रेट: विश्व साइकिल दिवस, राह चलते 60 लोगो को साइकिल चलाने के लिए किया प्रेरित

शनिवार, 3 जून 2023

/ by Vipin Shukla Mama
साइकिल चलाएं, सेहत बनाएं और पर्यावरण बचाएं : रवि गोयल सामाजिक कार्यकर्ता
विश्व साइकिल दिवस  
शिवपुरी। हर साल 3 जून को दुनियाभर में विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है। अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक शक्ती शाली महिला संगठन शिवपुरी ने कहा की विश्व साइकिल दिवस मनाने के पीछे कई उद्देश्य और फायदे हैं। साइकिल हमारे पर्यावरण के लिए फायदेमंद हैं तो वहीं साइकिल चलाना सेहत के लिए भी लाभकारी है। ऐसे में साइकिल का हमारे जीवन में अहम स्थान है। अगर एक वाहन के तौर पर देखें तो भारतीय परिपेक्ष्य में कई लोग स्कूल, कॉलेज, से लेकर कार्यस्थल तक जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। यह पर्यावरण के लिए बहुत अच्छा साधन है। डीजल-पेट्रोल का दोहन कम होने के साथ ही शहर का प्रदूषण स्तर भी कम होता है। वहीं स्वस्थ रखने के लिए भी साइकिल का उपयोग किया जाता है। साइकिल चलाने से वजन कम करने से लेकर मांसपेशियों को मजबूती, अच्छा व्यायाम आदि हो जाता है। इसी तरह के कई फायदों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए आज बांकडे हनुमान मंदिर दर्शन को निकले लोगो को रवि गोयल पैडलर्स, सौरभ गुप्ता, विजय खटीक एवम केशव धाकड़ ने वन टू वन बात करके अपने साईकिल चलाने के फायदे एवम एक व्यक्ती से कम से कम पांच लोगो को साइकिल चलाने के लिए प्रेरित करने का अनुरोध किया आज सुबह टीम ने 20 किलो मीटर साइकिल चलाने के साथ साथ 60 युवा एवम युवती को जागरुक किया ये 60 युवा एवम युवती 5 लोगो को जागरूक करेंगे इस प्रकार आज विश्व साइकिल दिवस पर 300 लोगो तक साईकिल चलाने से स्वास्थ एवम पर्यावरण को होने वाले फायदे बताए।  सौरभ गुप्ता ने कहा की 
साइकिल दिवस को मनाने की शुरुआत साल 2018 में हुई। अप्रैल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व साइकिल दिवस मनाने का फैसला लिया। इसके लिए 3 जून का दिन तय किया गया। तब से अब तक भारत समेत कई देश विश्व साइकिल दिवस हर साल 3 जून को मनाते हैं। पैडलर केशव धाकड़ जो हाल ही में एसएससी भारत सरकार की अकाउंटेंट की परीक्षा पास किए उन्होंने कहा की उन्होंने अपनी  तैयारी  के साथ साथ साईकिल नियमित चलाई इससे उनका स्वास्थ अच्छा रहा और उन्हें परीक्षा में सफलता मिली उन्होंने कहा की तकनीक के विकास के साथ ही गाड़ियों का उपयोग बढ़ने लगा। लेकिन इससे लोगों की दिनचर्या पर गहरा असर पड़ा। लोगों ने समय की बचत और सुविधा के लिए साइकिल चलाना कम कर दिया। बाइक, कार आदि को परिवहन का साधन बना लिया। लेकिन साइकिल के उपयोग और जरूरत के बारे में बच्चों और अन्य लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस दिन की शुरुआत हुई। स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थानों, ऑफिस, सोसायटी आदि में साइकिल चलाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए इस दिन की शुरुआत हुई। शिवपुरी पेडलर प्रदीप खटीक ने कहा की 
जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2018 में 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाने की घोषणा की तो उनके इस निर्णय का कई देशों ने समर्थन किया। इस दिन की शुरुआत को लेकर लेसजेक सिबिल्स्की ने कैंपेन चलाया था, जिसका तुर्कमेनिस्तान और 56 अन्य देशों ने समर्थन किया था। हर साल विश्व साइकिल दिवस की एक थीम निर्धारित की जाती है, जिसके आधार पर दुनिया के तमाम देश विश्व साइकिल दिवस मनाते हैं। सौरभ गुप्ता रेगुलर पेडलर्स ने साइकिल का इतिहास के बारे में कहा की   यूरोपीय देशों में साइकिल के इस्तेमाल का विचार 18वीं शताब्दी के दौरान लोगों को आया था लेकिन 1816 में पेरिस में पहली बार एक कारीगर ने साइकिल का आविष्कार किया, उस समय इसका नाम हाॅबी हाॅर्स यानी काठ का घोड़ा कहा जाता था। बाद में 1865 में पैर से पैडल घुमाने वाले पहिए का आविष्कार किया। इसे वेलाॅसिपीड कहा जाता था। इसे चलाने से बहुत ज्यादा थकावट होने के कारण इसे हाड़तोड़ कहा जाने लगा। साल 1872 में इसे सुंदर रूप दिया गया। लोहे की पतली पट्टी के पहिए लगाए गए। इसे आधुनिक साइकिल कहा गया। आज साइकिल का यही रूप उपलब्ध है। टीम ने आज 20 किलो मीटर दो बत्ती चौराहे से करई तक साइकिल चलाकर बिश्व साइकिल दिवस मनाया।













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