ग्वालियर। आज की व्यस्त जीवनशैली में ध्यान न केवल हमारी शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है यह बात हार्टफुलनेस के ग्लोबल गाइड कमलेश डी पटेल दाजी ने जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल सभागार में आयोजित ध्यान शिविर में साधकों के प्रश्न के जवाब में कही। इससे पूर्व इससे पूर्व कमलेश डी पटेल दाजी ने ध्यान का सत्र लिया। श्री दाजी ने सहज मार्ग पद्धति में ध्यान के मुख्य चरणों जैसे ध्यान, सफाई, एवं सार्वभौमिक प्रार्थना पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सफाई की प्रक्रिया सहज मार्ग की एक अद्भुत विधा है जिसके द्वारा हम अपने अवचेतन मन में जो संस्कार और छापे निर्मित करते हैं उन्हें साफ किया जा सकता है और हम अपनी चेतना का विस्तार कर सकते हैं। दाजी ने कहा कि सहज मार्ग पद्धति का ध्यान समाज के लिए एक आध्यात्मिक क्रांति है, उन्होंने अंत में सभी सहभागीयों को कान्हा शांति वनम जो हैदराबाद में स्थित है आने का न्योता भी दिया । इस अवसर पर सभागार में बड़ी संख्या में लोगों ने सहभागिता की एवं ध्यान का लाभ उठाया इस अवसर पर ग्वालियर के संभागायुक्त दीपक सिंह , पूर्व संभाग आयुक्त एमबी ओझा, जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अविनाश तिवारी ,विक्रांत विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर राठौर के साथ-साथ अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन तहसीलदार श्रीमती योगिता बाजपेई ने किया एवं आभार प्रदर्शन हार्टफुलनेस की संयोजक श्रीमती अर्चना शर्मा के द्वारा किया गया।
आज की जीवन शैली में ध्यान अति आवश्यक:दाजी शिक्षकों, स्वास्थ्य एवं पुलिसकर्मियों, छात्रों को हार्टफुलनेस ध्यान से किया तनावमुक्त
ग्वालियर में पद्म भूषण से सम्मानित श्री रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष, हार्टफुलनेस ध्यान के आध्यात्मिक मार्गदर्शक और हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट के संस्थापक कमलेश डी पटेल (दाजी) ने आज ग्वालियर शहर के शिक्षकों, स्वास्थ्य एवं पुलिसकर्मियों, छात्रों तथा उपस्थित शहर वासियों को तनावमुक्त किया. उन्होंने भदरौली स्थित हार्टफूलनेस आश्रम में हार्टफुलनेस ध्यान किया साथ ही उनसे चर्चा की, इस दौरान हार्टफुलनेस मुख्यालय कान्हा शांतिवनम हैदराबाद से आए श्री संजय सहगल , आशीष सिंह, मध्यप्रदेश के रीजनल फैसिलिटेटर गजेंद्र गौतम, डॉक्टर बिंदु सिंघल , जिला योग प्रभारी दिनेश चाकणकर डॉक्टर लोकेंद्र सिंह, आदि उपस्थित रहेकार्यक्रम का संयोजन श्रीमती अर्चना शर्मा के द्वारा किया गया। दाजी ने कहा कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जो विश्व की आध्यात्मिक नींव को परिपूर्ण और निर्मित कर सकता है. अध्यात्म के बिना कोई भी देश जीवित नहीं रह सकता. हमारे ऋषियों ने अनुभव किया था कि कण-कण में देवत्व का वास है. हार्टफुलनेस के वैश्विक गुरु दाजी ने बताया कि किस तरह से आज की जीवन शैली में ध्यान अति आवश्यक है। हार्टफुलनेस संस्था के द्वारा ध्यान बहुत ही सहज रूप में कराया जाता है यह जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उपयोगी है हार्टफुलनेस संस्था के द्वारा लगभग 166 देशों मेंप्रणाहूति आधारित ध्यान कराया जाता है इसके मुख्य चरण हैं प्रातः का ध्यान, शाम की सफाई एवं रात्रि की सार्वभौमिक प्रार्थना। हार्टफुलनेस संस्था के प्रशिक्षकों, अभ्यासी एवं कार्यकर्ताओं के द्वारा विभिन्न शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं में निशुल्क ध्यान कराया जाता है अभी हाल ही में जन अभियान परिषद के साथ हार्टफुलनेस संस्था ने ग्रामीण स्तर पर ध्यान कराया यह ध्यान स्कूल शिक्षा विभाग , स्वास्थ्य विभाग,पुलिसविभाग , उच्च शिक्षा विभाग एवं अन्य विभागों में निशुल्क कराया जा रहा है।
कार्यक्रम में संपूर्ण प्रदेश से लोगों ने सहभागिता की एवं शहर से बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित हुए। महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें कई विद्यालयों,महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों के फैकल्टी स्टाफ के साथ-साथ वहां के छात्र भी बड़ी संख्या में आए।

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