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अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस, समाज को नशा मुक्त एवम स्वस्थ रखने, देश को नशा मुक्त बनाने का लिया संकल्प

मंगलवार, 27 जून 2023

/ by Vipin Shukla Mama
शरीर के साथ परिवार को खोखला कर रहा नशा, लोगों को बना रहा मनोरोगी : प्रमोद गोयल 
शिवपुरी। मादक पदार्थों और नशीली दवाइयों के इस्तेमाल करके लोग बीमार हो रहे हैं। लत के शिकार हो रहे हैं। उनका शरीर तो बीमारियों की चपेट में आ रहा है साथ ही नशे के कारण परिवार भी बर्बाद हो रहे हैं। ये कहना था शक्ती शाली महिला संगठन एवम जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम जो की ग्राम तिघरा में आयोजित हुआ जिसमे की सामांजिक कार्यकर्ता प्रमोद गोयल ने ये विचार समुदाय को बतौर मुख्य वक्ता कही उन्होंने कहा की  लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 26 जून को नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाया जाता है। मादक पदार्थों का सेवन करने वाले लोग कई उन दवाइयों का भी इस्तेमाल नशे के लिए करते हैं, जो उपचार के लिए प्रयोग की जाती हैं। निकोटिन, ओपियाड, दर्द निवारक दवाइयां और कफ सिरप इनमें प्रमुख हैं।
इसके अलावा मार्फिन, कोकीन, स्मैक, हशीश, एंटीडिप्रेसेंट दवाइयां और मिर्गी की दवाइयों का भी प्रयोग लोग करते हैं। नशे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ये दवाइयां मानसिक समस्याएं एवं गंभीर शारीरिक बीमारियां पैदा करती हैं। जो लोग नशे का इंजेक्शन लेते हैं, उन्हें हेपेटाइटिस और एचआईवी के संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। मनो रोग चिकित्सक डॉक्टर अर्पित बंसल  ने बताया कि नशीली दवाओं के इस्तेमाल से गंभीर किस्म की कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि नशे की लत के शिकार लोगों की नशीली दवाओं के सेवन के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है।  नही तो ये बीमारियां हो सकती हैं।
स्मृति विकार, असंतुलन, चलने में कठिनाई, चिंता, अवसाद, नींद की कमी, अचानक वजन घटना या बढ़ना, लिवर की बीमारी, कैंसर और मिर्गी की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इस कारण से लो ब्लड शुगर, हाइपरटेंशन, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, दिल की बीमारी, प्रतिरक्षा में कमी एवं प्रजनन क्षमता में कमी भी आ सकती है। उन्होंने कहा की 40 से 50 प्रतिशत हो जाते हैं मनोरोगी
 उन्होंने कहा कि नशे के आदी लोगों में से 40-50 प्रतिशत मानसिक रूप से भी बीमार हो जाते हैं, जबकि कुछ एंटी सोशल हो जाते हैं और वे समाज में तालमेल नहीं बिठा पाते हैं। जो की काउंसिलिंग के बाद अधिकांश मरीज ठीक हो जाते हैं। उनकी लत भी छूट जाती है। प्रोग्राम में किशोरी बालिकाओं के।साथ समुदाय की। महिलाओ एवम बच्चो ने भाग लिया प्रोग्राम में करण लक्ष्यकार ने कहा की अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के अवसर पर आइए हम सब मिलकर समाज को नशा मुक्त बनाएं और समाज को स्वस्थ बनाने का और देश को नशा मुक्त बनाने का संकल्प कराया उन्होंने कहा नशा शरीर का नाश तो करता ही है साथ है परिवार के विनाश का कारण भी बनता हुआ । प्रोग्राम।में शक्ती शाली महिला संगठन की टीम के साथ साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवम आशा कार्यकर्ता ने सक्रीय सहभागिता की।













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