*श्री अश्विनी वैष्णव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की
*रेलवे बोर्ड, आंचलिक रेलवे और पीएसयू के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया
*इस चिंतन शिविर का उद्देश्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के "दृष्टिकोण 2047" को लागू करने के लिए एक कार्य योजना को तैयार करने पर केंद्रित है
दिल्ली। रेल मंत्रालय ने 1 जून और 2 जून 2023 को नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में दो दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया। रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज आयोजित सत्रों की अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने वाले अन्य गणमान्य व्यक्तियों में रेल राज्य मंत्री श्री रावसाहेब पाटिल दानवे और श्रीमती दर्शना जरदोश शामिल थे। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अनिल कुमार लाहोटी, रेलवे बोर्ड के सदस्य तथा रेलवे बोर्ड व सभी आंचलिक रेलवे कार्यालयों के युवा अधिकारियों सहित अन्यकर्मचारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस विशाल आयोजन में क्षेत्रीय रेलवे, पीयू, पीएसयू, सीटीआई, आरडीएसओ आदि से लगभग 400 प्रतिभागियों ने भी हिस्सा लिया।
इस चिंतन शिविर का उद्देश्य प्रति वर्ष अधिक ट्रैक (नई लाइन, जीसी और मल्टी-ट्रैकिंग) निर्माण, प्रति दिन अधिक लोडिंग, 50 प्रतिशत मार्गों पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति प्राप्त करने के लिए नए तरीकों एवं उपायों को खोजने पर मंथन करना और नए विचारों को अपनाना था। शिविर के माध्यम से शून्य रेल दुर्घटनाओं का परिणाम प्राप्त करने और सीआरओ तथा एमआरओ में 90 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस अवसर पर रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने अपने संबोधन में रेल सुरक्षा और नई प्रौद्योगिकी को अपनाने पर बल दिया। साथ ही उन्होंने अधिकारियों से 30,000 आरकेएम के लिए रेलगाड़ी की रफ्तार को 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ाने पर विचार करने का आह्वान किया। उन्होंने भारत के आर्थिक विकास में रेलवे की भूमिका का भी उल्लेख किया।
श्री वैष्णव ने अधिकारियों से ऐसे तरीके तलाश करने का आग्रह किया, जिससे कि वे प्रतिवर्ष 1100 करोड़ यात्रियों की अवश्यकताओं को पूरा करने और भीड़भाड़ से निपटने के उपाय लागू कर सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों से नई तकनीक अपनाने और चल रही बुलेट ट्रेन परियोजना से प्राप्त हुए अनुभव को अपनाने का भी आग्रह किया। श्री वैष्णव ने कहा कि वंदे मेट्रो के डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है। रेल मंत्री ने कहा कि विचार-विमर्श से कार्रवाई योग्य बिंदु निकाले जाएं और उन पर समयबद्ध तरीके से अमल किया जाए।
विभिन्न आंचलिक रेलवे के महाप्रबंधकों की अध्यक्षता में चार से पांच टीमों ने प्रत्येक विषय पर अपनी प्रस्तुति दी और नए विचार साझा किये। प्रत्येक टीम में पीयू, पीएसयू, आरडीएसओ तथा सीटीआई के सदस्य भी शामिल थे। बोर्ड के मनोनीत सदस्य/महानिदेशक ने कार्यान्वयन के लिए विषयवार प्राप्त प्रस्तुति-रोड मैप को अंतिम रूप दिया। अंतिम सत्र के दौरान मानेकशॉ सेंटर के जोरावर सभागार में चार परिणामी प्रस्तुतियां दी गईं।
चिंतन शिविर का मकसद रेल मंत्रालय के कार्यों की समीक्षा करना और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के "दृष्टिकोण 2047" को लागू करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करना था। रेलवे 'पाई-पाई से गरीब की भलाई' के सिद्धांत के साथ काम कर रहा है और देश के प्रत्येक नागरिक के लिए सबसे सस्ती कीमत पर अत्यधिक सुरक्षा एवं संरक्षा के साथ सर्वोत्तम सेवाएं देने के उद्देश्य से प्रतिबद्ध है। दो दिवसीय चिंतन शिविर कार्यक्रम में विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया तथा न्यू इंडिया बनाने में रेलवे की गति को और बढ़ाया गया।
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