बालाघाट। कान्हा नेशनल पार्क की सीमा से लगे बालाघाट गांव में रविवार को एक टाइगर नजर आया। उसकी पसलियों में चोट के निशान दिख रहे हैं, वह चल नहीं पा रहा है। उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी है। वन विभाग और कान्हा नेशनल पार्क का अमला हाथियों की मदद से उसके रेस्क्यू में जुटा है। लोगों की मानें तो घायल बाघ तकरीबन 5 घंटे से ज्यादा समय से एक जगह पर बैठा है। कैमरे में कैद बाघ के मूवमेंट से लगता है कि उसकी हालत गंभीर है। वन विभाग के अफसरों ने आशंका जताई है कि बायसन से संघर्ष के दौरान उसे चोट लगी है। वन विभाग की टीम घायल बाघ पर नजर बनाए रखे हैं। वन विभाग की सूचना पर कान्हा नेशनल पार्क की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। उन्होंने बाघ का रेस्क्यू शुरू कर दिया है। टीम अपने साथ दो हाथियों को लेकर आई है। अफसरों का कहना है कि जल्द बाघ का रेस्क्यू कर लेंगे। हालाकि वृद्ध टाइगर की रिकवरी होगी इसमें संदेह हैं। बता दें कि मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा बाघ हैं। इसलिए प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है। अकेले कान्हा नेशनल पार्क और आसपास के जंगलों में 200 से ज्यादा बाघ हैं। टाइगर को देखने कान्हा में हर साल देशभर के साथ ही विदेश से भी पर्यटक आते हैं।

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