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धमाका खास खबर: मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार दोनों हाथों से खजाना लुटाने के बाद भी आगामी विधान सभा चुनाव में खतरे के निशान से ऊपर क्यों? महंगाई या सरकारी नौकरी नहीं या फिर ठेके पर युवाओं का भविष्य

शनिवार, 17 जून 2023

/ by Vipin Shukla Mama
Bhopal भोपाल। मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार दोनों हाथों से खजाना लुटाने के बाद भी आगामी विधान सभा चुनाव में खतरे के निशान से ऊपर बनी हुई हैं। इसकी एक बड़ी वजह केंद्र सरकार की निरंकुश महंगाई जिसने मिडिल क्लास की मुन्ना बैंड बजाकर रखी हैं तो दूसरी तरफ सरकारी नोकरियों का टोटा। नौकरी मिल नहीं रही। एग्जाम होते हैं तो सैकड़ों सीटों के लिए लाखों युवा फार्म भरते हैं जिससे सरकार को राजस्व मिलता हैं लेकिन एग्जाम या तो पेपर आउट से खतरे में पड़ जाते हैं। या आरोप लगते हैं। सरकारी विभाग खाली पड़े हैं। जो रिटायर हो जाए उसकी जगह नई भर्ती नहीं होती। बल्कि सरकार सेवा निवृत पर राशि देने से घबराकर कर्मचारियों की उम्र बढ़ाती जा रही हैं। लेकिन युवाओं का भविष्य चौपट हो रहा हैं। सरकार अगर नौकरी देती भी हैं तो आउट सोर्स या फिर कॉन्ट्रेक्ट या फिर संविदा पर नोकरी देती हैं। इसमें संविदा को थोड़ा बहुत विश्वसनीय मान सकते हैं की सरकार के अधीन कर्मचारी रहता हैं लेकिन कॉन्ट्रेक्ट नोकरी या आउट सोर्स किसी मजाक से कम हरगिज नहीं। यानी की सरकार के मुंह लगे मंत्री या बड़े लोग, ठेकदार आउट सोर्स का ठेका लेकर सरकार को अपनी तरफ से कर्मचारी उपलब्ध करवाते हैं। जिनकी वेतन अगर दस हजार हो तो कोई बड़ी बात नहीं उसे सिर्फ आधा वेतन ही दिया जा रहा हो। उस पर भी ठेकेदार के रहमो करम पर नोकरी कुछ साल अनुबंध अनुसार चलती हैं। आप खुद ही सोचिए की इस बेचारी बीजेपी की प्रदेश सरकार को कौन ये घटिया आइडिया दे रहा हैं। क्यों नहीं खुद सरकार युवाओं को नौकरी दे रही जिससे वे निश्चित होकर अपनी सेवाए सरकार को दे सकें। न की भविष्य पर अंकित प्रश्नचिन्ह के साथ रात दिन सेरीडोन गोली खाकर युवा जिंदा हैं। 
कभी सोचा कैसे होगी इनकी शादी
सरकार ठेका पद्धति की रट लगाए हैं जिससे युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा हैं। कौन खतरे में भविष्य देखकर इन युवाओं से शादी करेगा ? 
जब सीसीटीवी, आधार, पैन से लेकर खाते तक हैं तो डर किस बात का
लोगों की माने तो सरकार के पास युवाओं की हर डिटेल हैं। जिसे नोकरी दे उसकी पूरी कुंडली अपने पास रखे। ऑफिस में वर्किंग सीसीटीवी के साथ हो। जो युवा कामचोरी करें उनके साथ सख्ती की जाए। वेतन को फिक्स किया जा सकता हैं। जिस साल में बढे सिर्फ उसका पहले से उल्लेख हो। कोई हड़ताल करे उसी दिन सेवा समाप्त जेसे कठोर कदम उठाते हुए नई नीति तैयार करनी होगी। जिससे युवाओं के भविष्य बर्बाद न हों। उनको समय रहते रोजगार मिल सके। 
व्यापार की बात बेमानी, नहीं मिलते लोन
सरकार कहती हैं जॉब कितने लाएं रोजगार कीजिए तो बता दें की बैंक किसी फोकट को लोन नहीं देती। गारंटी मांगती हैं।
सुना हैं संविदा हो रहे पक्के
मध्य प्रदेश के विभिन्न विभागों में काम कर रहे 2.50 लाख से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को सरकार राज्य संविदा कल्चर से संविदा खत्म कर पक्का करने जा रही है। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। संविदा कर्मचारियों को सरकारी कर्मी की तरह सुविधाएं देने के लिए पॉलिसी तैयार कर ली गई है। इस पर जून के आखिर में मुहर लग सकती है। विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार इसे लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है। नई पॉलिसी में न केवल संविदा कर्मियों को पूरा वेतन देने का प्रावधान होगा, बल्कि सामाजिक सुरक्षा की भी गारंटी दी जाएगी। इन्हें सरकारी कर्मियों के समान ही नियमों के दायरे में लाया जाएगा। यानी जिस पद पर काम, उस पद का 90% के बजाय 100% वेतन मिलेगा। नई पॉलिसी पर कई स्तरों पर मंथन हो चुका है। 
युवाओं की मांग out सोर्स भी हों पक्के
युवाओं ने कहा की अगर ये बात सही हैं की संविदा पक्के किए जा रहे हैं तो लगे हाथ आउट सोर्स को भी पक्का किया जाना चाहिए। 
स्व मूल्याकंन के दायरे से भी होंगे बाहर
सीधी भर्तियों में अभी संविदा कर्मियों के लिए 20% कोटा रिजर्व है, नई पॉलिसी में इसे बढ़ाकर 50% किया जा रहा है। इसमें अहम यह भी होगा कि अफसरों और कर्मचारियों को हर साल अप्रेजल रिपोर्ट से भी छूट दी जा रही है। इसमें उन्हें हर साल अपना स्व-मूल्यांकन करके नहीं देना होगा, जिस पर सरकार उन्हें आगे अगले साल नौकरी पर रखेगी या नहीं यह फैसला लिया जाता है। इस दायरे से उन्हें बाहर किया जा रहा है।
फिक्स वेतन का दायरा, महंगाई भत्ता भी देंगे
संविदा कर्मचारियों के लिए तैयार की गई पॉलिसी में उन्हें महंगाई भत्ता (डीए) दिया जाना प्रस्तावित है। डीए देने के दायरे में लाने के लिए कर्मचारियों को फिलहाल जो वेतन मिल रहा है, उसे फिक्स वेतनमान के दायरे में लाकर डीए को न्यूट्रलाइज (जीरो) कर दिया जाएगा। इससे आगे जब भी डीए बढ़ेगा, इन कर्मचारियों को भी अध्यापकों के समान ही बढ़े हुए डीए का लाभ मिलेगा। अभी संविदा कर्मचारियों को हर साल इंक्रीमेंट दिया जा रहा है।
5 लाख का स्वास्थ्य बीमा, रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी
संविदा कर्मचारियों को सेवाकाल में सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए उन्हें रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाएगा। साथ ही अवकाश नकदीकरण और 5 लाख रुपए का बीमा का लाभ मिलेगा। पेंशन दिए जाने के बारे में विचार किया जा रहा है। इस बारे में अभी परीक्षण किया जा रहा है। 
भर्ती के नियम भी अलग से होंगे
संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों का अलग से कैडर बनाया जाएगा और जिस तरह अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया है उसी के अनुसार कर्मचारी चयन मंडल और अन्य एजेंसियों से भर्ती कराई जाएगी।














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