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पर्यावरण ने नाता जोड़ो, पॉलिथिन का इस्तेमाल छोड़ो

गुरुवार, 1 जून 2023

/ by Vipin Shukla Mama
मिशन लाइफ, पर्यावरण के लिए जीवन शैली पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
*अतुल त्रिवेदी संभागीय समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन यूनिसेफ ने कहा 
शिवपुरी । हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निकट संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटिनियो गुटेरेस की उपस्थिति में मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली)   का शुभारंभ किया।
अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने कहा की 5 जून इंटरनेशनल पर्यावरण दिवस से पहले मिशन लाइफ प्रोग्राम आयोजित किया जिसमे आज शक्ती शाली महिला संगठन, ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन एवम जिला प्रशासन के साथ मिलकर आदिवासी बाहुल्य ग्राम बांसखेड़ी में मिशन लाइफ जागरूकता कार्यक्रम में आधा सेकड़ा ग्रामीणों को पेड़ पौधे लगाने एवम पॉलिथिन मुक्त गांव बनाने के लिए जागरूक किया।  अतुल त्रिवेदी ग्वालियर संभाग के स्वच्छ भारत मिशन के संभागीय समन्वयक यूनिसेफ ने कहा कि मिशन लाइफ पी-3 मॉडल, अर्थात् प्रो प्लेनेट पीपल की भावना को प्रोत्साहन प्रदान करना है। यह मॉडल ‘लाइफ स्टाइल ऑफ द प्लेनेट, फॉर द प्लेनेट एंड बाय द प्लेनेट’ के मूल सिद्धांतों पर कार्य करता है। मिशन लाइफ के बारे में
मिशन लाइफ की अवधारणा को प्रधानमंत्री द्वारा 1 नवंबर 2021 को ग्लासगो में CoP-26 में पेश किया गया था। 5 जून 2022 को विश्व पर्यावरण दिवस पर भारत ने शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और स्टार्ट-अप को आमंत्रित करते हुए, लाइफ ग्लोबल मूवमेंट प्रारम्भ करके जीवन की परिकल्पना को आगे बढ़ाया। विश्व-भर में विशिष्ट और वैज्ञानिक तरीकों के बारे में सोचने के लिए जिससे पर्यावरण संकट को दूर करने के लिए सामूहिक कार्रवाई की पूरी क्षमता का उपयोग किया जा सके। इस अभियान को वैश्विक नेताओं का रिकॉर्ड समर्थन मिला। शक्ती शाली महिला संगठन के रवि गोयल ने कहा कि  मिशन लाइफ, मिशन-मोड, वैज्ञानिक और मापने योग्य कार्यक्रम के माध्यम से जीवन के विचारों और आदर्शों को कार्यान्वित करेगा तथा जलवायु परिवर्तन पर बातचीत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा। मिशन लाइफ़ को 2022 से 2027 की अवधि में कम से कम एक अरब भारतीयों और अन्य वैश्विक नागरिकों को पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक कार्रवाई करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। वर्ष 2028 तक भारत के भीतर, सभी गांवों और शहरी स्थानीय निकायों का कम से कम 80% निकायों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने का लक्ष्य है। प्रोग्राम में शक्ती शाली महिला संगठन की पूरी टीम, गांव की महिला सदस्य , किशोरी बालिकाओं के साथ आधा सेकड़ा बच्चो ने भाग लिया।













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