शिवपुरी। जीवन के दो ही आयाम हैं। सांसारिक क्षेत्र में धन की यात्रा होती वहीं आध्यात्मिक क्षेत्र में धर्म और आत्मा की, लेकिन दोनों ही क्षेत्रों में सामान्य बात यह है कि बिना शारीरिक स्वास्थ्य के ना तो आप धन कमा सकते हैं और ना ही धर्म। उक्त उद्गार प्रसिद्ध जैन साध्वी नूतन प्रभा श्रीजी ने आज एक धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। धर्मसभा में जैन साध्वी ने चातुर्मास में धर्म आराधना का महत्व बताते हुए कहा कि व्रत और उपवास शरीर तथा आत्मा दोनों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। धर्मसभा में साध्वी रमणीक कुंवर जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि चातुर्मास में गुरू आपके पास आए हैं ताकि आप उनसे जिनवाणी का श्रवण कर सकें। उन्होंने कहा कि अहोभाव से जिनवाणी का श्रवण करने वाला साधक अपने लिए मोक्ष का द्वार खोलता है। धर्मसभा में साध्वी पूनम श्रीजी, साध्वी जय श्रीजी और साध्वी वंदना श्रीजी ने सुमधुर स्वर में भजन का गायन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
साध्वी नूतन प्रभा श्रीजी ने कहा कि जैन संत आठ माह भ्रमण करते हैं और चातुर्मास के चार माह एक ही स्थान पर रहते हैं। जैन धर्म में अहिंसा को विशेष महत्व दिया गया है और चातुर्मास अवधि में जीवों की विराधना न हो इसलिए संत और साध्वियां एक ही स्थान पर रहकर धर्मोपदेश देती हैं। उन्होंने कहा कि गुरू आपके द्वार आए हैं। चातुर्मास के पूर्व हमें धर्म आराधना की पूरी तैयारी कर लेना चाहिए ताकि चातुर्मास की अवधि में धर्म के बीज का रोपण गुरू करेंगे, उनका संरक्षण और संवर्धन हो। उन्होंने कहा कि चातुर्मास अवधि ऐसी होती है जिसमें आप अपने शरीर और अपनी आत्मा दोनों को स्वस्थ रख सकते हैं। धर्म क्षेत्र में आत्मा से पहले शरीर का स्वास्थ्य आवश्यक है, क्योंकि शरीर स्वस्थ होगा तभी आप धर्म आराधना कर सकते हैं। सांसारिक हो या आध्यात्मिक हो दोनों क्षेत्रों में उन्नति के लिए शरीर का स्वस्थ होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऋतु परिवर्तन के साथ-साथ शरीर की स्थिति में भी चातुर्मास में परिवर्तन होता है। शरीर स्वस्थ रहे इसलिए व्रत उपवास भी किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि जैन दर्शन का एक अपना विज्ञान है जो शरीर और आत्मा पर एक साथ काम करता है। चातुर्मास में जिनवाणी को गुरू के श्रीमुख से श्रवण कर उसका आचरण करना चाहिए। इससे पूर्व जैन साध्वियों के सानिध्य में भक्तांवर पाठ का आयोजन हुआ।
जैन साध्वियों का मंगल प्रवेश 25 को, तैयारियां जोरों पर
शिवपुरी में चातुर्मास के लिए पधार रहीं प्रसिद्ध जैन साध्वी रमणीक कुंवर जी ठाणा 5 सतियों का मंगल प्रवेश 25 जून को होगा। इसके लिए तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। स्थानकवासी समाज के अध्यक्ष राजेश कोचेटा ने धर्मसभा में बताया कि साध्वी रमणीक कुंवर जी और अन्य जैन सतियों का मंगल प्रवेश 25 जून को सुबह 9 बजे धर्मपाल-दीपेश सांखला के पुराने प्रायवेट बस स्टेण्ड के पास स्थित निवास स्थान से होगा। यहां नवकारसी के पश्चात चल समारोह आयोजित किया जाएगा जो नगर के प्रमुख मार्गों सदर बाजार, कोर्ट रोड से गुजरता हुआ दुर्गा टॉकीज के सामने स्थित जैन स्थानक में पहुंचेगा जहां धर्मसभा के पश्चात गौतम प्रसादी होगी। श्री कोचेटा ने सभी धर्मावलंबियों से महाराज श्री के नगर प्रवेश में उत्साहपूर्वक पधारने की अपील की है।
समाधि मंदिर से हुआ जैन साध्वियों का विहार
प्रसिद्ध तीर्थ स्थल समाधि मंदिर से जैन साध्वी रमणीक कुंवर जी ठाणा 5 सतियों का पदविहार आज सुबह 5 बजे हुआ। जहां से साध्वी पहले श्रावक मोती करनावट के नवनिर्मित निवास स्थान पर पहुंचीं जहां उन्होंने मांगलिक दी। इसके बाद वह छत्री रोड स्थित संजय लूनावत के निवास स्थान पर पहुंंची और यहां उन्होंने कहा कि जो धन धर्म से कमाया जाता है उस घर में साधु संतों के चरण पड़ते हैं।

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