बता दें कि, केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव मंगलवार को श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क का दौरा करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों की बैठक ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने कूनो से हाल ही में विस्थापित किए गए बागचा गांव पहुंचकर वहां के हालात देखें। मंत्री शिवपुरी के ख्यात व्यवसाई जीनेश जैन के कूनो रिसोर्ट पहुंचे थे। कुछ दिन पूर्व कांग्रेस नेता अजय सिंह भी इसी रिसोर्ट में रुके थे।
चीतों को दूसरे राष्ट्रीय उद्यानों में शिफ्ट करने को लेकर कही यह बात
पत्रकारों से चर्चा के दौरान केंद्रीय वन मंत्री ने फिलहाल चीतों को दूसरे राष्ट्रीय उद्यानों में शिफ्ट करने से साफ इनकार करते हुए कहा कि, "सबसे पहले कूनों में चीता प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिसे यही सक्सेस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आवश्यकता पड़ने पर दूसरे स्थानों के बारे में सोचा जाएगा। चीतों की लगातार मौत होने के मामले में सवाल पूछने पर उन्होंने चुप्पी साध ली।"
वहीं, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव ने कूनो नेशनल पार्क में चीता प्रोजेक्ट को लेकर कहा कि, "हमारे अधिकारी और हमारी टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही है, मैं खुद कई बार यहां आकर स्थितियां देखता हूं, सब लोग ठीक तरह से काम कर रहे हैं। चीता प्रोजेक्ट को सबसे पहले कूनो नेशनल पार्क में शुरू किया गया था यहीं पर इसे डेवलप किया जाएगा। वन मंत्री ने कहा कि, वैकल्पिक व्यवस्था के लिए दूसरी जगह भी व्यवस्थाएं रखनी पड़ती हैं, इस पर दूसरे चरण में काम किया जाएगा।"
चीतों की मौत पर केंद्रीय वन मंत्री ने साध ली चुप्पी
चीतों की मौत पर केंद्रीय वन मंत्री ने साध ली चुप्पी
कूनो नेशनल पार्क में अब तक 3 शावकों सहित छह चीतों की मौत हो चुकी है। यह बात किसी से नहीं छुपी है, लेकिन केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव से जब चीतों की मौत को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने चुप्पी साध ली और सवाल पूछते ही वहां से चल दिए।

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