बता दें की केलाशवासी माधव राव सिंधिया के समय उक्त दोनों नेता और उनके एक और मित्र राजेंद्र शर्मा ने राजनीति शुरू की थी। तीनों सिंधिया के बेहद खास थे। इसी बीच एक बार जब किसी तरह का विरोध और पत्थर बाजी हुई तो गोतम ढाल बन गए थे। तब बतौर इनाम उनको विधायक का टिकिट दिया गया लेकिन तीनों ही दोस्तों ने अपने विशाल युवा ग्रुप की दम पर बीजेपी के कद्दावर नेता गोपाल कृष्ण दंडोतिया को पराजित किया था। तबसे राजनीति में श्री प्रकाश और राजेंद्र शर्मा पीछे रहे और वक्त तेजी से गुजरता गया।

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