विश्व पर्यावरण दिवस पर एक सेकड़ा आईटीआई के छात्रों को पर्यावरण मित्र बनाया जो पर्यावरण के बेहतरी के लिए सामुदाय में कार्य करेंगे : रवि गोयल
शिवपुरी। जनजीवन की सुरक्षा के लिए पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित रखने की जरूरत है। आधुनिकता की ओर बढ़ रहे विश्व में विकास की राह में कई ऐसी चीजों का उपयोग शुरू कर दिया है, जो धरती और पर्यावरण के लिए घातक है। इंसान और पर्यावरण के बीच गहरा संबंध है। प्रकृति के बिना जीवन संभव नहीं है। लेकिन इसी प्रकृति को इंसान नुकसान पहुंचा रहा है। लगातार पर्यावरण दूषित हो रहा है, जो जनजीवन को प्रभावित करने के साथ ही प्राकृतिक आपदाओं की भी वजह बन रहा है। ये कहना था यूनिसेफ के संभागीय समन्वयक अतुल त्रिवेदी का जो को शिवपुरी आईटीआई में शक्ती शाली महिला संगठन , ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन एवम जिला पंचायत स्वच्छ भारत मिशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित पर्यावरण समारोह में बोल रहे थे। अतुल त्रिवेदी ने आगे कहा कि मिशन लाइफ (लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) अभियान में पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को अपनाकर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया. पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए एक अंतरराष्ट्रीय जन आंदोलन के रूप में चलाया जा रहा हैं, मिशन का उद्देश्य व्यक्तिगत स्तर पर और सामुदायिक स्तर पर उपायों और कार्यों को लागू करके जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का मुकाबला करना है. मिशन लाइफ अभियान में प्रमुखता से ऊर्जा की बचत, पानी की बचत, अपशिष्ट का पुनरुपयोग व स्वच्छता क्रियाएं, ई वेस्ट को कम करने, पानी के बुनियादी ढांचे का निर्माण करने, सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने आदि के लिए जागरूक करना है.यह ऐसा अभियान है जो हर एक इंसान से सीधे तौर पर जुड़ा है. मिशन लाइफ में इस बात पर जोर दिया गया है कि पर्यावरण को हम बचाएंगे, तभी हम भी आगे बच पाएंगे. जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों को देखते हुए इस अभियान की शुरुआत की गई है. मिशन लाइफ न केवल पर्यावरण और जिंदगी बचाने पर केंद्रित है बल्कि इसका सीधा संबंध अर्थव्यवस्था से भी है.
अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने कहा कि सुखी व स्वस्थ जीवन के लिए प्रकृति की सुरक्षा और पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है। इसी उद्देश्य से प्रतिवर्ष विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। पर्यावरण को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता है और पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। साथ ही संबोधित करते हुए उन्होंने प्रोग्राम हाल में जल रही 20 एलईडी में से 16 को स्विच ऑफ करा कर ऊर्जा बचाकर पर्यावरण में अपना अमूल्य योगदान देने का आहवान किया प्रोग्राम में स्वच्छ भारत मिशन की जिला समन्वयक सत्य मूर्ति पाण्डेय ने कहा की विश्व पर्यावरण दिवस हर साल जून के महीने में मनाया जाता है। भारत समेत विश्वभर में 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाते हैं।यह पहल एक ऐसी जीवन शैली को प्रोत्साहित करती है जो संसाधनों के सावधानीपूर्वक एवं उदेश्यपूर्ण उपयोग पर ध्यान केंद्रित करती है और इसका ध्येय प्रचलित 'उपयोग और निपटान' उपभोग की आदतों को बदलना है। इसके पीछे का आशय लोगों को अपने दैनिक जीवन में उन साधारण परिवर्तनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है जो जलवायु परिवर्तन में योगदान कर सकते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक किया महिला सामाजिक कार्यकर्ता श्रद्धा ने कहा की दुनिया में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। इसी बढ़ते प्रदूषण के कारण प्रकृति पर खतरा बढ़ रहा है। जिसे रोकने के उद्देश्य से पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई, ताकि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाए और प्रकृति को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रेरित किया जा सके। इंसान जो दे रहे, वही वापस लौटा रही प्रकृति, हमारे खून में पहुंच रहा प्लास्टिक का संदेश दिया उन्होंने आज एक सेकड़ा आईटीआई छात्रों को पर्यावरण बचाने की शपथ दिलाई आज प्रोग्राम में एक सेकड़ा आईटीआई छात्रों के साथ स्टाफ, शक्ती शाली महिला संगठन की टीम , स्वच्छ भारत मिशन के बीसी नितिन के साथ अतुल त्रिवेदी एवम सत्य मूर्ति पाण्डेय ने प्रमुख रूप से भाग लिया।

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