साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को रिटायरमेंट पर एक मुश्त सवा लाख रुपए और सहायिका को एक लाख रुपए दिया जाएगा। आंगनवाड़ी सहायिका को पदोन्नति में आरक्षण 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाएगा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका का 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य और दुर्घटना बीमा कराया जाएगा।
फिर कोसते दिखे कमलनाथ को
सीएम शिवराज फिर कमलनाथ को कोसते दिखे। कहा की उन्होंने मानदेय में कटौती की। CM ने कहा, 'जब मैं मुख्यमंत्री बना, उस समय मानदेय था सिर्फ 500 रुपए। इसे बढ़ाकर 2008-09 में हमने 1500 रुपए किया। इसके बाद 2013-14 में इसे और बढ़ाते चले गए। 2018 में हमने फिर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दिया। यह काम भाजपा सरकार ने किया, कांग्रेस ने कभी , नहीं किया। कमलनाथ और कांग्रेस ने एक पाप जरूर किया। हमने जो 10 हजार रु. बढ़ाए थे, उसी में से 1500 रु. उन्होंने मार दिए। पैसे काट लिए। यह अन्याय था।'
तपती धूप में पल्लू, घुघट ओढ़कर मांगें मनवाने के लिए बैठीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं का सम्मेलन भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले हुआ। सम्मेलन में भाग लेने प्रदेशभर से महिलाएं पहुंचीं। वे तपती दोपहरी में गर्मी से परेशान दिखीं। कूलर और पंखों का इंतजाम नहीं था। महिलाएं दुपट्टे, साड़ी के पल्लू और कागजों से हवा करते हुए भीषण गर्मी में अपनी मांगों को मनवाने के लिए बैठी रहीं।
सरकारी कर्मचारी घोषित करें, वेतन बढ़ाएं
रतलाम जिले से आई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अमृता पहाड़िया ने कहा- हमें शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का 20 हजार और सहायिका का वेतन 10 हजार रुपए किया जाए। सरकारी काम में कार्यकर्ता को बुलाया जाता है। अभी लाड़ली बहना योजना का कार्यक्रम चल रहा था, तो हम लोग घर-घर जाकर महिलाओं को लेकर आए। हर काम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कराया जाता है, लेकिन इसके बदले अलग से एक रुपया नहीं मिलता। हमारी मांग है कि दूसरे विभागों के कामों में जब हमारी ड्यूटी लगाई जाती है, तो इसका अलग से पैसा दिया जाए।
हर विभाग में लगा देते हैं, लेकिन उसकी मजदूरी नहीं मिलती
झाबुआ जिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की उपाध्यक्ष ज्योत्सना दीक्षित ने कहा- हमें नियमित किया जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं को हर विभाग में लगा देते हैं, लेकिन उसकी मजदूरी नहीं मिलती। हमारी बहनें जब रिटायर होती हैं, तो उन्हें एक रुपया नहीं मिलता। खाली हाथ घर पर बैठना पड़ता है। रिटायरमेंट के समय एकमुश्त दो-पांच लाख की राशि देनी चाहिए। यह पैसा वृद्धावस्था के लिए सहारा बनेगा। मुख्यमंत्री जी ने आश्वासन दिया था कि आपको सम्मानजनक वेतन दिया जाएगा इसीलिए आज हम आए हैं कि कम से कम 20 हजार रुपए वेतन तो मिलना ही चाहिए।

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