क्या होता है एथेनॉल ?
एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जो स्टार्च और शुगर के फर्मेंटेशन से बनाया जाता है। इसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में ईको-फ्रेंडली फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
एथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने के रस से होता है, लेकिन स्टार्च कॉन्टेनिंग मटेरियल्स जैसे मक्का, सड़े आलू, कसावा और सड़ी सब्जियों से भी एथेनॉल तैयार किया जा सकता है।
1G एथेनॉल : फर्स्ट जनरेशन एथेनॉल गन्ने के रस, मीठे चुकंदर, सड़े आलू, मीठा ज्वार और मक्का से बनाया जाता है।
• 2G एथेनॉल : सेकेंड जनरेशन एथेनॉल सेल्युलोज और लिग्नोसेल्यूलोसिक मटेरियल जैसे - चावल की भूसी, गेहूं की भूसी, कॉर्नकॉब (भुट्टा), बांस और वुडी बायोमास से बनाया जाता है।
पेट्रोल कंपनियां पेट्रोल में मिलाती हैं एथेनॉल पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने का काम तेल कंपनियां करती हैं। फिलहाल देश में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के पानीपत, कोयम्बटूर, मदुरै, सलेम और तिरुचि स्थित टर्मिनल पर एथेनॉल मिलाने का काम किया जा रहा है। इसी प्रकार हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड अपने चेन्नई टर्मिनल में और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड चेन्नई के साथ करूर स्थित अपने टर्मिनल में यह काम करता है।
किन गाड़ियों में हो सकता है इसका उपयोग?
नए मॉडल की बन रही सभी गाड़ियों में एथेनॉल से बने पेट्रोल का उपयोग हो सकेगा। इसका कारण है कि यहां बन रही ज्यादातर गाड़ियों में इंजन BS-4 से BS-6 स्टेज के हैं।
एथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम के तहत केंद्र सरकार ने पहले ही इंजन बनाने वाली कंपनियों को E20 पेट्रोल के लिए इंजन बनाने के निर्देश दे रखे हैं।
वैसे पुरानी गाड़ियों में भी इसका उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इससे गाड़ी में कम माइलेज और कम पावर की आशंका रहेगी। हालांकि पुरानी गाड़ी के इंजन में कुछ बदलाव करवा सकते हैं।
आइए फायदे पर डाले एक नजर
E20 पेट्रोल पॉकेट फ्रेंडली है। इसमें मिला एथेनॉल आसानी से मिलने वाला बॉयोफ्यूल है। इस वजह से नॉर्मल पेट्रोल से इसकी कीमत कम होगी। E20 देशभर में इस्तेमाल होने से पेट्रोल के आयात पर देश की निर्भरता कम हो जाएगी। इससे देश की विदेशी मुद्रा में बचत होगी। E20 पेट्रोल में यूज होने वाला एथेनॉल एक बॉयोफ्यूल है। नॉर्मल पेट्रोल के मुकाबले इससे पॉल्यूशन कम होता है। एग्रीकल्चर वेस्ट से भी एथेनॉल बनाया जाता है। इसलिए इससे ग्रामीण इलाकों में होने वाले प्रदूषण में भी कमी आएगी। एथेनॉल गन्ने के रस, सड़े आलू और सब्जियां, चुकंदर, चावल की भूसी आदी से बनाया जाता है। इसलिए इसका फायदा किसानों को मिलेगा।

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