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धमाका ग्रेट: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, देश में पेट्रोल का भाव 15 रुपए लीटर होगा

बुधवार, 5 जुलाई 2023

/ by Vipin Shukla Mama
राजस्थान। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। अपने काम के दम से उन्होंने देश के परिवहन संसाधनों खासकर सड़कों का ऐसा जाल बिछाया हैं जिससे उनका हर कोई दीवाना हैं। अगर जल्द ही वे देश भर में लिए जाने वाले भारी भरकम टोल टैक्स में निजी हित को लेकर कोई ठोस बदलाव ला दें तो लाखों लोग उनके मुरीद हो जायेंगे। दूसरी बात महंगे पेट्रोल की हैं तो मंगलवार को नितिन गडकरी ने राजस्थान के प्रतापगढ़ में 5600 करोड़ रुपए के 11 प्रोजेक्ट का शिलान्यास, लोकार्पण और उद्घाटन किया। उन्होंने कहा की बहुत जल्द देश में पेट्रोल 15 रुपए लीटर होगा और ये सब देश के किसान करेंगे जो अन्नदाता के साथ अब ऊर्जादाता भी कहलाएंगे। गडकरी ने कहा, अगस्त में टोयोटा कंपनी की गाड़ियों को लॉन्च कर रहा हूं। ये सभी गाड़ियां किसानों की ओर से तैयार किए एथेनॉल पर चलेंगी। 60% एथेनॉल, 40% बिजली और फिर उसका एवरेज पकड़ा जाएगा तो 15 रुपए लीटर पेट्रोल का भाव होगा। 16 लाख करोड़ रुपए का इम्पोर्ट है। अब ये पैसा किसानों के पास जाएगा। मंत्री नितिन गडकरी ने इस दौरान हरियाणा के पानीपत जिले में मौजूद इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) के 2G (सेकेंड जेनरेशन) एथेनॉल प्लांट का भी जिक्र किया। बता दें कि यह प्लांट सालाना 2.1 लाख मीट्रिक टन (MT) अनाज के भूसे (पराली) से 3 करोड़ लीटर एथेनॉल बनाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2022 को इस प्लांट का उद्घाटन साल 2022 में पीएम मोदी ने किया था। 
क्या होता है एथेनॉल ?
एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जो स्टार्च और शुगर के फर्मेंटेशन से बनाया जाता है। इसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में ईको-फ्रेंडली फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
एथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने के रस से होता है, लेकिन स्टार्च कॉन्टेनिंग मटेरियल्स जैसे मक्का, सड़े आलू, कसावा और सड़ी सब्जियों से भी एथेनॉल तैयार किया जा सकता है।
1G एथेनॉल : फर्स्ट जनरेशन एथेनॉल गन्ने के रस, मीठे चुकंदर, सड़े आलू, मीठा ज्वार और मक्का से बनाया जाता है।
• 2G एथेनॉल : सेकेंड जनरेशन एथेनॉल सेल्युलोज और लिग्नोसेल्यूलोसिक मटेरियल जैसे - चावल की भूसी, गेहूं की भूसी, कॉर्नकॉब (भुट्टा), बांस और वुडी बायोमास से बनाया जाता है।
• 3G बायोफ्यूल : थर्ड जनरेशन बायोफ्यूल को एलगी से बनाया जाएगा। अभी इस पर काम चल रहा हैं।
पेट्रोल कंपनियां पेट्रोल में मिलाती हैं एथेनॉल पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने का काम तेल कंपनियां करती हैं। फिलहाल देश में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के पानीपत, कोयम्बटूर, मदुरै, सलेम और तिरुचि स्थित टर्मिनल पर एथेनॉल मिलाने का काम किया जा रहा है। इसी प्रकार हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड अपने चेन्नई टर्मिनल में और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड चेन्नई के साथ करूर स्थित अपने टर्मिनल में यह काम करता है।
किन गाड़ियों में हो सकता है इसका उपयोग? 
नए मॉडल की बन रही सभी गाड़ियों में एथेनॉल से बने पेट्रोल का उपयोग हो सकेगा। इसका कारण है कि यहां बन रही ज्यादातर गाड़ियों में इंजन BS-4 से BS-6 स्टेज के हैं।
एथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम के तहत केंद्र सरकार ने पहले ही इंजन बनाने वाली कंपनियों को E20 पेट्रोल के लिए इंजन बनाने के निर्देश दे रखे हैं।
वैसे पुरानी गाड़ियों में भी इसका उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इससे गाड़ी में कम माइलेज और कम पावर की आशंका रहेगी। हालांकि पुरानी गाड़ी के इंजन में कुछ बदलाव करवा सकते हैं।
लेकिन यदि गाड़ी बहुत पुरानी है तो उसे नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत स्क्रैप करा सकते हैं।
आइए फायदे पर डाले एक नजर
E20 पेट्रोल पॉकेट फ्रेंडली है। इसमें मिला एथेनॉल आसानी से मिलने वाला बॉयोफ्यूल है। इस वजह से नॉर्मल पेट्रोल से इसकी कीमत कम होगी। E20 देशभर में इस्तेमाल होने से पेट्रोल के आयात पर देश की निर्भरता कम हो जाएगी। इससे देश की विदेशी मुद्रा में बचत होगी। E20 पेट्रोल में यूज होने वाला एथेनॉल एक बॉयोफ्यूल है। नॉर्मल पेट्रोल के मुकाबले इससे पॉल्यूशन कम होता है। एग्रीकल्चर वेस्ट से भी एथेनॉल बनाया जाता है। इसलिए इससे ग्रामीण इलाकों में होने वाले प्रदूषण में भी कमी आएगी। एथेनॉल गन्ने के रस, सड़े आलू और सब्जियां, चुकंदर, चावल की भूसी आदी से बनाया जाता है। इसलिए इसका फायदा किसानों को मिलेगा। 

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