चालानी कारवाई के 2 बड़े साइड इफेक्ट आए सामने
केस 1
उमस, तीखी गर्मी, बाइक सवार बेहोश होकर गिरा
नगर के फिजिकल थाना पर वाहनों की चेकिंग की जा रही थी। एक बाइक सवार को रोका गया। नगर में आज उमस के साथ भीषण गर्मी पड़ी जिसके चलते उक्त व्यक्ति पंकज रजक 30 निवासी शांति नगर शिवपुरी अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा। ये देखकर सभी के हाथ पांव फूल गए। उसे पुलिस जिला अस्पताल लेकर भागी। तब ज्ञात हुआ की उसे मिर्गी आती हैं। जो गर्मी और घबराहट के कारण आज भी आई। खबर लिखे जाने तक उसकी हालत ठीक नहीं थी।
केस 2
सालों से रामरूप लगाते हेलमेट, पुलिस देती उत्साह बढ़ाने गुलाब, गीला था हेलमेट निकले घर से कटा चालान
नगर स्थित कार्यालय जिला अंत्यावसाई सहकारी विकास समिति शिवपुरी में सेवारत रामरूप शाक्य नियम कायदे के इस हद तक पाबंद हैं की कभी कोई चेकिंग हो या नहीं हो वे हेलमेट लगाकर ही बाइक चलाते हैं। उनके करीबी एडवोकेट संजीव बिलगइयां ने बताया की खाना भूल जाए लेकिन रामरूप कभी हेलमेट लगाना नहीं भूलता। इसकी नजीर ये हैं की उसे ट्रैफिक पुलिस कई बार थैंक्स(फाइल फोटो जब ट्रैफिक कर्मी ने हेलमेट लगाने पर उत्साह बढ़ाने दिया गुलाब)
बोलकर गुलाब का फूल देती रही हैं, लेकिन बीते रोज बारिश में हेलमेट लगाया तो अंदर की फॉम गीली हो गई। नतीजे में आज सालों से हेलमेट लगाने वाले रामरूप शाक्य को इस बार गुलाब के फूल की जगह जुर्माना भुगतना पड़ा। उन्हे गीला हेलमेट नहीं लगाना भारी पड़ गया। उन्होंने बताया की मैं रामरूप शाक्य निवासी फिजिकल रोड शिवपुरी, आज दिनांक 19-07-2023 अपने घर से ऑफिस कलेक्टर शिवपुरी के लिए निकला। मेरा हेलमेट बारिश की वजह से गीला हो गया था इस कारण से मैं उसे नहीं लगा पाया। फिजिकल थाने पर मेरी मोटरसाइकिल को रोक लिया गया और मुझसे कहा गया कि आपकी गाड़ी कोर्ट से छूटेगी क्योंकि आप हेलमेट नहीं लगाए हुए हो, मेरे द्वारा उन से निवेदन किया गया कि मेरा हेलमेट गीला था इस कारण से मैंने नहीं लगाया है, मैं प्रतिदिन हेलमेट लगाता हूं हेलमेट लगाने के लिए मुझे पुलिस मैडम द्वारा गुलाब का फूल देकर सम्मानित भी किया गया है, मैने मोबाइल में गुलाब लेते फोटो भी दिखाया लेकिन कोई बात नहीं सुनी और नतीजे में कोर्ट जाना पड़ा। मैं आज 12 बजे से शाम तक कोर्ट में रहा जिससे मैं अपने ऑफिस का काम भी नहीं कर पाया। मेरे पास बाइक के पूरे दस्तावेज भी मौजूद रहते हैं। आज की घटना से मुझे धक्का लगा की किसी ने मेरी बात पर यकीन नहीं किया और परेशानी भुगतनी पड़ी।

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