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धमाका डिफरेंट: जितेंद्र जैन, धैर्यवर्धन, रामवीर यादव मिले एक जगह तो बह निकली बातों की बयार

रविवार, 2 जुलाई 2023

/ by Vipin Shukla Mama
SHIVPURI शिवपुरी। राजनीति में फल की इच्छा से इन दिनों बदलाव की बयार चल रही हैं। मौसम विभाग के बारिश होने का अनुमान भले ही सही साबित न हो लेकिन अब तक राजनीति में पार्टी बदलने की जो खबर वायरल हुई उनको पंख लगे और पंछी डाल बदलकर कांग्रेस में जा बैठे हैं। इनमें दो वजनी नेता बैजनाथ सिंह यादव और राकेश सांवलदास गुप्ता के नाम शामिल हैं। खैर आप सोच रहे होंगे कैसा धमाका है, जितेंद्र जैन, धैर्यवर्धन, रामवीर यादव तीनों के इस फोटो से जुड़ी कोई बात नहीं कर रहा और लगा है पिछले पन्ने पलटने तो आपको बता दें की इस फोटो में दिखाई दे रहे तीन धुरंधरों में से रामवीर के पिता बैजनाथ जी पार्टी बदल ही चुके हैं।
 *रही गोटू भईया जितेंद्र जैन की बात तो वे अभी नब्ज टटोलने में लगे हुए हैं। फेसबुक पर उनके आक्रामक स्लोगन जरूर लोगों को पसंद आ रहे हैं लेकिन पार्टी बदलाव की बातों की पुष्टि अभी wait and watch पोजिशन पर है।
*अब बात बचपन से वाकपटुता में माहिर और मिनी अटल के नाम से फेमस धैर्यवर्धन शर्मा की बात की जाय तो उन्होंने पार्टी से पुरजोर टिकिट की मांग की हैं लेकिन दल बदल के कोई संकेत अभी तक नहीं मिले हैं। धमाका की तरंगे अभी तक कोई आउट पुट नहीं पकड़ सकी हैं। रही बात इस फोटो की तो ये एक अदद संयोग ही हुआ जब तीन महारथी एक जगह मिल गए और चूंकि चुनाव करीब हैं तो हमको भी शक हुआ सो कान लगा लिए...
फिर जो बात सुनाई दी वो पढ़िए तीनों ने क्या बातचीत की, ये हुई बातचीत
रामवीर बैजनाथ सिंह यादव 🤔😊 _  यह अधिक मास क्यों होता है ? इसका बड़ा धार्मिक महत्व है । खूब धार्मिक आयोजन होते हैं ।
जितेंद्र जैन गोटू🤔🤗 _  सही कह रहे हो, यह अति विशिष्ट धार्मिक कालावधि है । चातुर्मास भी शुरू हो गया  है । उसका पूछो तो कुछ बता सकता हूं ।
धैर्यवर्धन जी से पूछो ये शायद विस्तार से बता दें ।
धैर्यवर्धन😊🤗❤️👀👍✍️ _इसको पुरुषोत्तम मास भी कहते है । हरेक तीन वर्ष में मास गणना को व्यवस्थित करने के लिए अधिक मास का प्रावधान है, इसीलिए अबकी बार सावन का महीना दो महीने तक रहेगा। सावन के सोमवार 4 के बजाय इस बार 8 होंगे इस महीने किए दान पुण्य और पूजा पाठ से सामान्य दिनों की तुलना में 10 गुना पुण्य फल प्राप्त होता है। इससे अधिक तो मैं किन्ही विद्वान पंडितजी, शास्त्री जी से समझकर ही बता पाऊंगा ।
तात्पर्य _ 
राजनैतिक लोग धार्मिक चर्चाएं भी करते है, मिलने पर । 
ये तीनो भी वही कर रहे थे 😊, जब अचानक मिलना हुआ ।
( यूं ही मिल गए, सरे राह चलते चलते 😀)











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