शिवपुरी। अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य पर्यावरण पर एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक की थैलियों के खतरनाक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना है ये कहना था सामाजिक कार्यकर्ता रवि गोयल का जो की आज यानी तीन जुलाई को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस पर ग्राम हातोद में एक। सैकड़ा ग्रामीण को जागरूकता कार्यक्रम जो की शक्ती शाली महिला संगठन द्वारा आयोजित किया इस अवसर पर उन्होंने कहा की ये एक वैश्विक पहल है, जिसका उद्देश्य प्लास्टिक बैग के उपयोग को खत्म करना है। प्लास्टिक की थैलियां किराने की खरीदारी में सुविधा के तौर पर देखी जा सकती हैं, लेकिन वे पर्यावरण पर भी भारी दबाव डालती हैं। प्लास्टिक की थैलियों को नष्ट होने में 500 साल तक का समय लग सकता है, इसलिए वे हमारे लैंडफिल में मौजूद चीजों का एक बड़ा हिस्सा हैं और हमारे जलमार्गों को प्रदूषित करते हैं।
पर्यावरण मित्र प्रमोद गोयल ने इस अवसर पर कहा की हमारे अधिकांश इतिहास में, एकल-उपयोग या एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक का उपयोग नहीं होता था। लेकिन औद्योगिक क्रांति के अंत और आधुनिक युग में, प्लास्टिक एक सस्ता और प्रचुर संसाधन बन गया। प्लास्टिक बैग इसका एक आदर्श उदाहरण है।उत्पादन से लेकर प्रतिबंध तक, प्लास्टिक बैग के इतिहास ने हमारी दुनिया को प्रभावित किया है। 1933 में, सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला प्लास्टिक, पॉलीथिन, इंग्लैंड के नॉर्थविच में एक रासायनिक संयंत्र में दुर्घटनावश बनाया गया था। जबकि पॉलीथीन को पहले छोटे बैचों में बनाया गया था। यह उस सामग्री का पहला हिस्सा था जो औद्योगिक रूप से व्यावहारिक था और इसका उपयोग शुरुआत में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना द्वारा गुप्त रूप से किया गया था। धरम गोस्वामी एवम महिला पर्यावरण मित्र श्रद्धा जादौन ने कहा की भारत ने पहली जुलाई, 2022 को कूड़े और अप्रबंधित प्लास्टिक कचरे के कारण होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए एक निर्णायक कदम उठाया, जब पहचाने गए एकल या एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक की वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। आज हातोद में अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस यह प्रदर्शित करने के लिए सुरक्षित विकल्पों की तलाश करता है कि इतनी अधिक मात्रा में प्लास्टिक के उपयोग के बिना एक दुनिया संभव है। यह प्लास्टिक मुक्त करो आंदोलन का हिस्सा है, जो सितंबर 2016 में शुरू हुआ था और इसमें लगभग 1,500 विभिन्न संगठन शामिल हुए हैं। यह आंदोलन प्लास्टिक प्रदूषण संकट के समाधान की तलाश कर रहा है, ताकि धरती को मनुष्यों, पर्यावरण और वन्यजीवों के लिए सुरक्षित बनाया जा सके।
इसके लिए आज एक। सेकड़ा ग्रामिणो को आज प्लास्टिक बैग उपयोग नहीं करने एवम गांव को प्लास्टिक बैग मुक्त गांव बनाने की लिए संकल्प दिलाया। नीति श्रीवास्तव ने कहा की अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस का उद्देश्य प्लास्टिक बैग पर निर्भरता को कम करने और टिकाऊ विकल्पों को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाने के लिए सामूहिक जागरूकता पैदा करना है। यह दिन स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण हासिल करने के लिए प्लास्टिक बैग के उपयोग के खिलाफ व्यवहार परिवर्तन को भी प्रोत्साहित करता है। यह दिन पर्यावरण, वन्य जीवन और मानव स्वास्थ्य पर प्लास्टिक बैग के हानिकारक प्रभावों की याद दिलाने के रूप में भी काम करता है। आशा कार्यकर्ता सावित्री सरीन ने कहा की प्लास्टिक को हमने अपने जीवन का अभिन्न अंग बना दिया है। हम प्लास्टिक का उपयोग बैग, कटलरी कई रूपों में करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में प्लास्टिक के उपयोग को कम करने में मदद करना है। ऐसा करने के लिए प्लास्टिक के विकल्पों के बारे में भी जागरूकता बढ़ानी चाहिए। प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस पर, यहां प्लास्टिक के कुछ विकल्प दिए गए हैं जो प्लास्टिक के उपयोग को कम करने में आपकी मदद करेंगे।इस अवसर पर समुदाय के साथ साथ शक्ती शाली महिला संगठन को।पूरी टीम एवम टाईगर ग्रूप ने भाग लिया।

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