Responsive Ad Slot

Latest

latest

आध्यात्मिकता को अपने विद्यार्थियों की जीवन शैली का हिस्सा बनाने में जुटीं साध्वी नूतन प्रभाश्री जी

शुक्रवार, 21 जुलाई 2023

/ by Vipin Shukla Mama
जैन साध्वियों का प्रवचन देने का आकर्षक ढंग जिससे हृदयंगम हो सके समझाइश
शिवपुरी। शिवपुरी में चातुर्मास कर रहीं प्रसिद्ध जैन साध्वी रमणीक कुंवर जी और उनकी सुशिष्याएं ओजस्वी प्रवचन प्रभाविका साध्वी नूतन प्रभाश्री जी, नेपाल प्रचारिका और घोर तपस्वी साध्वी पूनमश्री जी, मधुर गायिकाद्वय साध्वी जयश्री जी और साध्वी वंदनाश्री जी का प्रवचन देने का अनोखा अंदाज धर्मप्रेमियों के मन को मोहित कर रहा है। जैन सतियां आध्यात्मिकता का प्रवचन के माध्यम से व्यवहारिक ज्ञान देने की अपेक्षा प्रायोगिक ज्ञान देने में अधिक दिलचस्पी दिखा रही हैं। प्रवचन में वह आध्यात्मिकता की क्लास लेकर श्रोताओं को कनेक्ट करती हैं और इसी दौरान होमवर्क भी देती हैं और दूसरे दिन पूछती हैं कि उन्होंने अपना होमवर्क पूर्ण किया या नहीं। साध्वी नूतन प्रभाश्री जी बताती हैं कि सिर्फ प्रवचन से श्रोताओं के साथ जुड़ाव नहीं हो पाता, लेकिन इस तरीके से जो बात बताई जाती है वह आसानी से दिल में समां जाती है और वह धीरे-धीरे जीवनशैली का एक हिस्सा बन जाती है।
साध्वी नूतन प्रभाश्री जी ने अपनी क्लास में धर्मप्रेमियों को बताया कि उन्हें सुबह उठते ही ईश्वर का स्मरण क्यों करना चाहिए। बकौल साध्वी नूतन प्रभाश्री जी, इसके दो कारण हैं। एक तो यह अनमोल जीवन भगवान के कारण मिला है और दूसरे आज का सूर्योदय देखने के लिए ईश्वर को धन्यवाद, क्योंकि हो सकता है कि रात सोयें और सुबह उठे ही नहीं। दूसरे दिन उन्होंने पूछा कि किन-किन लोगों ने सुबह उठते ही प्रभु को स्मरण किया है और उन्हें जीवन देने के लिए धन्यवाद दिया। इस पर आधा सैकड़ा लोगों ने अपने हाथ खड़े किए जो ना कर पाए उनसे कहा कि कल से ईश्वर को धन्यवाद देना मत भूलना। साध्वी नूतन प्रभाश्री जी ने जीवन में व्रत, उपवास और संकल्प का महत्व बताया। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन हमें कोई ना कोई नियम अवश्य लेना चाहिए और उसका पालन करना चाहिए। नियम छोटा हो या बड़ा हो, लेकिन जरूरी है कि जीवन नियम से बंधा हुआ होना चाहिए। इससे जीवन अनुशासित होगा वहीं नरक गति से भी मुक्ति मिलेगी। नियम को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि हम संकल्प कर सकते हैं कि आज चार सब्जियों या चार फल से अधिक नहीं खाएंगे। दो जोड़ी से अधिक कपड़े नहीं पहनेंगे। इसके बाद उन्होंने दूसरे दिन पूछा कि किन-किन लोगों ने आज अपने आपको नियम से बांधा है। जिन्होंने कहा कि वह भूल गए थे उन्हें याद दिलाया कि कल से अवश्य कोई ना कोई नियम प्रतिदिन लेना। उन्होंने कहा कि त्याग रूपी बंधन आपके बंधनों को काटेगा। उन्होंने कहा कि धर्म क्षेत्र में साधना की चर्चा बहुत होती है। क्या किसी को मालूम है कि साधना का क्या अर्थ है। इस पर कुछ लोगों ने अपनी-अपनी सोच से साधना को स्पष्ट करने का प्रयास किया है, लेकिन साध्वी नूतन प्रभाश्री जी ने उनसे कहा कि मन और इंन्द्रियों को साधने का नाम साधना है। साधना का संबंध मन से है, लेकिन मन हमारे काबू मेें नहीं है कैसे मिटेगी मन की चंचलता। इस पर साध्वी वंदनाश्री जी ने सुंदर भजन का गायन करते हुए कहा कि मन की ये चंचलता, मन से ही मिटाना है, सुन के प्रभु वाणी, ज्ञान ज्योति जगाना है...। इस भावना को स्पष्ट करते हुए साध्वी नूतन प्रभाश्री जी ने कहा कि मन यदि हमारा भटकता है और हमारे वश में नहीं है तो इसका एक अर्थ है कि हम मन के गुलाम हैं मालिक नहीं। मालिक कैसे बनें, इसे स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि मन का घोड़ा ज्ञान की लगाम से खींचा जाता है। महाभारत के प्रसंग को स्पष्ट करते हुए साध्वी नूतन प्रभाश्री जी ने बताया कि युद्ध भूमि में अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा कि मैं अपने मन पर कैसे नियंत्रण करूं। साध्वी जी ने भारत भूमि की विशेषता बताते हुए कहा कि यह वह गौरवपूर्ण भूमि है जहां युद्ध भूमि पर गीता का ज्ञान प्रकट होता है।
दिगम्बर समाज की महिलाओं ने सत्संग में लिया भाग
दिगम्बर जैन समाज की मरूदेवी महिला मंडल, विद्या सागर महिला मंडल, ऐरादेवी महिला मंडल, त्रिशला महिला मंडल, राजुल महिला मंडल, वीर महिला मंडल, जैन मिलन, पारस महिला मंडल पुरानी शिवपुरी और विमर्श महिला जाग्रति मंच की पदाधिकारी और सदस्य महिलाओं ने पोषद भवन जाकर जैन साध्वी रमणीक कुंवर जी महाराज के सानिध्य में सत्संग लाभ लिया। इस दौरान आध्यात्मिक विचारों का आदान-प्रदान हुआ। जैन साध्वी वंदनाश्री जी और जयश्री जी ने सुंदर-सुंदर भजन गाएं। दिगम्बर समाज की महिलाओं ने भी भजन गाकर अपनी आध्यात्मिक रूचि को अभिव्यक्त किया। साध्वी पूनमश्री और साध्वी नूतन प्रभाश्री जी ने महिलाओं से कहा कि शीघ्र ही उनके सानिध्य में ज्ञान का क्रिकेट मैच आयोजित किया जा रहा है और आपके समाज की महिलाएं भी ज्ञान के इस क्रिकेट मैच में अपनी टीम बनाकर भाग लें। इस पर महिलाओं ने सहमति व्यक्त की और कहा कि वह एक सप्ताह में टीम का गठन कर अपनी एंट्री दर्ज कराएंगी।









कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129