शिवपुरी। पंचायत के जिन प्रतिनिधियों पर पंचायत के विकास का जिम्मा था, उन्होंने ही पंचायत की संपत्ति और विकास के लिए आई राशि हड़प ली। ऐसे पंचायत प्रतिनिधियों और सचिवों के खिलाफ सीईओ जिला पंचायत उमराव सिंह मरावी लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। इसी क्रम में पोहरी व खनियाधाना क्षेत्र के पांच तत्कालीन सरपंच व दो तत्कालीन सचिवों के खिलाफ जेल वारंट जारी करने की कार्रवाई की गई है। इनके द्वारा पंचायत की एलईडी, इनवर्टर व फर्नीचर हड़पने के साथ-साथ लाखों रुपये का गबन किया गया है। नोटिस के बाबजूद जब इन सरपंच व सचिवों के द्वारा सामग्री व गबन की गई राशि जमा नहीं की गई तो इनके खिलाफ पंचायत अधिनियम की धारा-92(2) के तहत 30 दिन की सिविल जेल के लिए संबंधित थाना प्रभारियों के माध्यम से जेल वारंट जारी किए गए हैं। सीईओ की इस कार्रवाई से गबन करने वाले सरपंच व सचिवों में हड़कंप की स्थिती निर्मित हो गई है।
इनके हुए जेल वारंट जारी
सीईओ द्वारा जिन पांच सरपंच व सचिवों के खिलाफ जेल वारंट जारी करने की कार्रवाई की गई है, उनमें खनियाधाना की ग्राम पंचायत मसूरी के तत्कालीन सचिव गजेंद्र लोधी पर 10 लाख 99 हजार 358 रुपये की वसूली है, जबकि रही पंचायत के तत्कालीन सचिव मुकेश पारासर पर 29 हजार 282 रुपये की। इसी तरह तत्कालीन सरपंचों की बात करें तो खनियाधाना की मानपुर पंचायत के तत्कालीन सरपंच अशोक खंगार पर 85 हजार 278, पोहरी की भरसूला पंचायत की तत्कालीन सरपंच सुमित्रा शर्मा पर 12 हजार 500, खड़ीचरा पंचायत के तत्कालीन सरपंच कैलाश सिंह यादव पर 40 हजार एवं हिंडोरखेड़ी के तत्कालीन सरपंच नरेंद्र वंशकार पर 61 हजार रुपये की वसूली शेष है। वहीं खनियाधारा हर्षरा पंचायत की तत्कालीन सरपंच सावित्री बाई से शासकीय समाग्री सहित एलईडी, इनवर्टर व फर्नीचर की वसूली किया जाना है।

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