शिवपुरी। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन शिवपुरी के तत्वाधान में ब्राह्मण समाज की मासिक बैठक दीनदयाल नगर में बैठक आयोजित हुई समाज के संरक्षक पंडित हरि शंकर शास्त्री जी एवं अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के जिला अध्यक्ष पंडित पुरुषोत्तम कांत शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कार बैठक का प्रारंभ किया बैठक में समाज से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई बैठक में समाज के कई वरिष्ठ जनों ने भागीदारी की।
बैठक के दौरान पंडित हरि शंकर शास्त्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि सभी समाज बंधुओं में आपसी संबंध में हो लड़की लड़कियों के संबंध शादियां क्षेत्रीय जगह पर अधिक से अधिक करें अपने बराबरी में संबंध करें जिससे कि बाद में झगड़े तलाक की नौबत नहीं आवे। पंडित ख्यालीराम भार्गव जी ने कहा कि आपस में एक दूसरे का विरोध करने से हम आगे नहीं बढ़ पाते हैं हमें अपनी ताकत का अहसास कराना होगा आने वाली विधानसभा चुनावों में हमें जिले से अपने समाज का प्रतिनिधि क्यों मिलना है तो अभी से गतिविधियां जारी रखो। बैठक में जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम कांत शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि हमें समाज में एकजुटता लाने के लिए पहले अपनी सोच बदलनी होगी और शादी संबंध ना टूटे इसके लिए जागरूकता लानी होगी। पंडित एनपी अवस्थी ने कहा कि राजनीतिक स्तर पर आगे बढ़ने के लिए लगातार सामाजिक सरोकार के कार्य कर सभी वर्गों को अपने साथ जोड़ना होगा। पंडित चतुर्भुज समाधिया कहां की हम अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन के नेतृत्व में कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगे साथ ही उन्होंने भगवान परशुराम मंदिर निर्माण के बारे में प्रकाश डाला। पंडित सुरेश कुमार भार्गव राम प्रकाश शर्मा डॉ वीके शर्मा शहर अध्यक्ष पंडित हरिवंश त्रिवेदी कैलाश नारायण भार्गव सतीश कुमार सुरैया ने भी अपने अपने विचार रखे। बैठक में पंडित प्रेम प्रकाश मुद्गल महेंद्र कुमार शर्मा द्वारका प्रसाद भटलै सुरेंद्र पाठक देवेंद्र गौड़ सुरेश कुमार भार्गव छर्च बाले पंडित गणेश शंकर पांडे नरेश भार्गव विजय धर शर्मा शिवनारायण भार्गव प्रभु दयाल भार्गव बलराम त्रिपाठी जी नीरज मिश्रा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पंडित हरगोविंद शर्मा ने किया अंत मैंआभार पंडित सुरेश कुमार शर्मा ऐचवाडे वालो ने किया।
क्रांतिकारी मंगल पांडे की 196 बी जयंती मनाई
अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन जिला शिवपुरी द्वारा बीते रोज जिला अस्पताल मंदिर के प्रांगण में महान क्रांतिकारी मंगल पांडे की 196 जयंती बड़े धूमधाम के साथ मनाई।
सबसे पहले अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन के जिला अध्यक्ष पुरुषोत्तम कांत शर्मा ने भगवान परशुराम व क्रांतिकारी योद्धा मंगल पांडे के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर आयोजन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिला अस्पताल मैं मरीजों व उनके सहयोगियों को खिचड़ी वितरित की गई।
शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि महान क्रांतिकारी मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के फैज़ाबाद ज़िले में हुआ था। इनके पिता का नाम दिवाकर पांडे तथा माता का नाम श्रीमति अभय रानी था। वे कोलकाता के पास बैरकपुर की सैनिक छावनी में 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री की पैदल सेना के 1446 नम्बर के सिपाही थे। भारत की आज़ादी की पहली लड़ाई अर्थात 29 मार्च रविवार 1857 के विद्रोह की शुरुआत उन्हीं के विद्रोह से हुई।
इनका नाम भारतीय स्वाधीनता संग्राम में अग्रणी योद्धाओं के रूप में लिया जाता है जिनके द्वारा भड़काई गई क्रांति की ज्वाला से ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन बुरी तरह हिल गया था। मंगल पांडे की शहादत ने भारत में पहली क्रांति के बीज बोए थे। ब्रह्म देश (बर्मा {वर्तमान म्यांमार}) पर विजय तथा सिख युद्ध की समाप्ति के पश्चात् अंग्रेज़ों ने भारतवर्ष पर निष्कंटक राज्य करने के सपने देखें होंगे; पर उन्हें क्या पता था कि सन् 1857 का वर्ष उनकी आशाओं पर तुषारपात का वर्ष सिद्ध होगा।
पंडित कैलाश नारायण भार्गव ने अपने विचार रखते हुए कहा कि मंगल पांडे क्रांति के वीर ने प्रथम विद्रोह का प्रारम्भ एक बंदूक की वजह से हुआ। सिपाहियो को नयी एनफ़ील्ड बंदूक भरने के लिये कारतूस को दांतों से काट कर खोलना पडता था और उसमें भरे हुए बारुद को बंदूक की नली में भर कर कारतूस में डालना पड़ता था। कारतूस का बाहरी आवरण में चर्बी होती थी जो गाय की खाल होती थी।सिपाहियों के बीच अफ़वाह फ़ैल चुकी थी कि कारतूस मे लगी हुई चर्बी सुअर और गाय के मांस से बनायी जाती है। यह हिन्दू और मुसलमान सिपाहियों दोनो की धार्मिक भावनाओं के विरुद्ध था। अंग्रेज अफ़सरों ने इसे अफवाह बताया दिया।तत्कालीन अंग्रेज अफ़सर प्रमुख (भारत) जार्ज एनसन ने समस्या को सुलझाने से मना कर दिया।29 मार्च सन् 1857 को नए कारतूस के प्रयोग करवाया गया, मंगल पण्डे ने आज्ञा मानने से मना कर दिया और धोखे से धर्म भ्रष्ट करने की कोशिश के ख़िलाफ़ उन्हें भला बुरा कहा, इस पर अंग्रेज अफ़सर ने सेना को हुकम दिया की उसे गिरफ्तार किया जाये, सेना ने हुक्म नहीं मना। पलटन के सार्जेंट हडसन स्वंय मंगल पांडे को पकड़ने आगे बढ़ा तो, पांडे ने उसे गोली मार दी, तब लेफ्टीनेंट बल आगे बढ़ा तो उसे भी पांडे ने गोली मार दी।
मौजूद अन्य अंग्रेज़ सिपाहियों नें मंगल पांडे को घायल कर पकड़ लिया। उन्होंने अपने अन्य साथियों से उनका साथ देने का आह्वान किया। किन्तु उन्होंने उनका साथ नहीं दिया। पंडित सुरेश कुमार भार्गव अपने विचार रखते हुए बताया कि उन पर मुक़दमा (कोर्ट मार्शल) चलाकर 6 अप्रैल 1857 को मौत की सज़ा सुना दी गई।
फ़ौजी अदालत ने न्याय का नाटक रचा और फैसला सुना दिया गया। 8 अप्रैल का दिन मंगल पांडे की फाँसी के लिए निश्चित किया गया। और उन्हें फांसी दे दी गई। पंडित हरगोविंद शर्मा ने बताया कि भारत के एक वीर पुत्र ने आज़ादी के यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति दे दी। वीर मंगल पांडे के पवित्र प्राण-हव्य को पाकर स्वातंत्र्य यज्ञ की लपटें भड़क उठीं। क्रांति की ये लपलपाती हुई लपटें फिरंगियों को लील जाने के लिए चारों ओर फैलने लगीं। कार्यक्रम में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन के जिला पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे।अंत में राजकुमार सडैया आभार व्यक्त किया।
ब्राह्मण समाज ने महिला थाने की प्रांगण की सफाई की।
शिवपुरी। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन शिवपुरी द्वारा गाजर घास जागरूकता सप्ताह व उन्मूलन अभियान चलाया गया जिसका अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन शिवपुरी के जिलाध्यक्ष पंडित पुरुषोत्तम कांत शर्मा ने भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण करशुभारंभ किया।
उन्होंने कहा गाजर गांव से फसल की पैदावार में 40% तक की कमी हो जाती है इसलिए समय रहते गाजर घास खरपतवार को बाल अवस्था में उखाड़ कर यादवा छिड़ककर उन्मूलन या नष्ट कर देना चाहिए यह विश्व का ऐसा खरपतवार है जो मनुष्य पशुओं वन और वन्य प्राणियों को नुकसान पहुंचाता है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कैप्टन चंद्र प्रकाश शर्मा ने बताया कि यह खरपतवार गाजर घास के संपर्क में आने से मनुष्य में एग्जिमा एलर्जी बुखार दमा जैसी बीमारियां हो जाती है उन्होंने इस शाक को सामूहिक रूप से मिलकर जड़ से मिटाने का आव्हान किया। पंडित एनपी अवस्थी बताया कि इस पौधे का प्रवेश हमारे देश में अमेरिका से आया त होने वाले गेहूं के साथ 1955 में हुआ था यह पौधा संभवत देश के हर हिस्से में मौजूद है और लगभग 35 मिलियन हेक्टर में फैल चुका है।पंडित सतीश कुमार सुरैया जिला महामंत्री अपने उद्बोधन में कहा कि जब यह पौधा एक स्थान पर जम जाता है तो अपने आसपास किसी अन्य पौधे को जमने नहीं जीता जिसके कारण अनेक महत्वपूर्ण जड़ी बूटियां और चारागा हो के नष्ट हो जाने की संभावना पैदा हो गई है पंडित कैलाश नारायण भार्गव व सुरेश कुमार भार्गव ने भी प्राकृतिक वनस्पति यों को खत्म होने से बचाने और मानव स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस को नियंत्रित किए जाने पर बल दिया इस अवसर पर डॉक्टर बीके शर्मा जिला शहर अध्यक्ष पंडित महेंद्र शर्मा पंडित हरिवंश त्रिवेदी पंडित ओम प्रकाश समाधिया वमरा वाले पंडित सुरेंद्र कुमार पाठक हरगोविंद शर्माप्रदीप शर्मा सुआटौर पंडित रामप्रकाश शर्माराजकुमार सरैया पवन अवस्थी आदि उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन पंडित हरगोविंद शर्मा व हरिवंश त्रिवेदी त्रिवेदी ने किया। कार्यक्रम के अंत में आभार पंडित महेंद्र कुमार शर्मा ने किया।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें