शिवपुरी। न्यायालय के जेएमएफसी सुनीता कोरी ने एक ढाई लाख के चैक के मामले में परिवादी एवम आरोपी के तर्क सुनने के बाद मामला प्रमाणित न पाते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी रविकांत ओझा को दोषमुक्त कर दिया आरोपी की ओर से पैरवी भरत ओझा एडवोकेट द्वारा की गई। मामला इस प्रकार है कि परिवादी अभिषेक खंडेलवाल द्वारा आरोपी को घरेलू आवश्यकता की पूर्ति हेतु 250000/ रुपए दिए थे इसके पश्चात परिवादी आरोपी के पास पैसे मांगने गया तो आरोपी ने परिवादी को आपने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया शाखा शिवपुरी का एक चेक परिवादी को दे दिया जिसे परिवादी द्वारा भुगतान हेतु बैंक में पेश किया तो वह बाउंस हो गया। ऐसे पश्चात चेक बाउंस का नोटिस परिवादी अधिवक्ता द्वारा आरोपी को भेजा गया जो उसे प्राप्त हुआ इसके पश्चात पैसे न देने पर परिवादी द्वारा न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया। दोनों पक्षों की साक्ष्य कराई गई। इसके पश्चात न्यायालय द्वारा दोनो पक्षों के तर्क सुनने के बाद मामले में परिवादी का मामला साबित न होने के कारण आरोपी रविकांत को दोषमुक्त कर दिया है।

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