भौंती । भगवान शिव की आराधना करने से जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है और इनके मंत्रों का जाप करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं. भगवान शिव का एक स्वरूप महामृत्युंजय स्वरूप भी है. इस स्वरूप में भगवान शिव हाथों में अमृत लेकर अपने भक्तों की रक्षा करते हैं. ऐसे में महामृत्युंजय मंत्र के जाप से व्यक्ति को लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है. राकेश इंदुरख्या के घर पर चल रहे महामृत्युंजय जाप के अवसर पर पंडित सामवेद शास्त्री द्वारा बताया गया कि भगवान शिव का महामृत्युंजय स्वरूप भी है. इसलिए महादेव को मृत्युंजय भी कहा जाता है. वहीं महामृत्युंजय मंत्र में भगवान शिव के महामृत्युंजय स्वरूप से आयु की रक्षा प्रार्थना की गई है. इस मंत्र के छोटे और लंबे दो स्वरूप हैं. मंत्र के इन दोनों स्वरूपों का जाप करने से व्यक्ति हमेशा सुरक्षित रहता है. महामृत्युंजय मंत्र का प्रयोग कई तरह से किया जाता है. इसका प्रयोग सामान्य रूप और विशेष रूप से भी कर सकते हैं. ज्योतिष के अनुसार, कुंडली के कई विशेष दोष को दूर करने में ये मंत्र ही कारगर सिद्ध हो सकता है ।पार्थिव शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पण के लिये महिलाएं व्रत कर रहीं है ।आशा ,इंद्रा ,रचना ,रेखा ,मीरा ,निधि द्वारा व्रत किया और शाम को बिल्वपत्र अर्पण कर प्रसाद लिया ।जप विद्वान पंडितों द्वारा किया जा रहा है ।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें