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धमाका बड़ी खबर: पटवारी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले को लेकर प्रदेश के इंदौर, शिवपुरी सहित कई जिलों में युवाओं ने किया प्रदर्शन, CBI जांच की मांग, सुनिए युवाओं की पीड़ा

गुरुवार, 13 जुलाई 2023

/ by Vipin Shukla Mama
इंदौर। पटवारी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले को लेकर गुरुवार को प्रदेश के कई जिलों में युवाओं ने प्रदर्शन किया। इंदौर महानगर के साथ शिवपुरी जिले में भी जोरदार प्रदर्शन किया गया।
इंदौर में हुआ जमकर प्रदर्शन
 इंदौर में शिवराज सरकार के खिलाफ हजारों छात्र सड़क पर उतर पड़े और इस मामले की जाँच करवाने की मांग को लेकर इंदौर कलेक्टर को ज्ञापन दिया। 
शिवपुरी जिले में भी उठी सीबीआई जांच की मांग
तो दूसरी तरफ शिवपुरी जिले में भी सैकड़ों युवाओं ने प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन भेंट किया। युवाओं का कहना हैं की पटवारी भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा के विरोध में विद्यार्थियों के विशाल समूह द्वारा धरना प्रदर्शन व ज्ञापन मध्यप्रदेश में मार्च-अप्रैल में हुई पटवारी परीक्षा में उजागर धान्धलियों व फर्जीवाड़ा के विरोध में शिवपुरी के विद्यार्थियों द्वारा कलेक्टर रवींद्र कुमार को ज्ञापन दिया गया। विद्यार्थियों का कहना है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो योग्य विद्यार्थी घर बैठे रहेंगे और अयोग्य विद्यार्थी सरकारी सेवाओं में पदस्थ रहेंगे। विद्यार्थियों का मानना है की आने वाले समय में भी मध्यप्रदेश में कई भर्ती परीक्षा आयोजित होनी है, इसके पहले इस मामले की सीबीआई जांच करवाई जाए। विद्यार्थियों की मांग हैं की इस परीक्षा की सीबीआई द्वारा जांच कराई जाए तथा जिन सेंटरो पर धांधली उजागर हुई हैं  वहां की वीडियोग्राफी सार्वजनिक की जाए ताकि यह देखा जा सके कि जिन परीक्षार्थियो ने असाधारण नंबर प्राप्त किए क्या वह वाकई में योग्य थे या नहीं। 
ये दिया ज्ञापन
प्रति,
श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय म.प्र. शासन भोपाल
द्वारा कलेक्टर शिवपुरी म०प्र०
दिनांक 13/07/2023
विषय- MPESB की मार्च अप्रैल 2023 में म0प्र0 में समूह 02 उप समूह 04 के अंतर्गत पटवारी एवं अन्य परीक्षाओं के सम्भावित फर्जीवाड़े संबंध में ।
श्रीमान,
अभी हाल में मार्च अप्रैल 2023 में मप्र में समूह 02 उप समूह 04 के - अंतर्गत पटवारी एवं अन्य परीक्षाओं का आयोजन किया गया जिसका परिणाम 30 जून को प्रकाशित किया गया। इस परिणाम में वृहद स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया है जिसका जीता जागता उदाहरण ESB की तरफ से जारी की गई टॉप 10 की लिस्ट है घोटाले के मुख्य
बिन्दु इस प्रकार है:- 1. टॉप दस में आठ छात्र ग्वालियर चंबल संभाग से हैं जिनमें से सात का परीक्षा सेन्टर एक ही कॉलेज में था उस कॉलेज का नाम NRI कॉलेज ऑफ इन्जीनीरिंग मैनेजमेंट है।
 2. अधिकतर टॉपर्स की एक बात समान है कि उन्होंने अपने हस्ताक्षर हिन्दी में किए है।
3. एक ही परीक्षा केन्द्र से इतने टॉपर्स निकलते है, किन्तु किसी मीडिया में किसी टॉपर्स ने ना तो इन्टरव्यु दिया और न ही किसी कोचिंग सेन्टर में उनका नाम आया की वे किसी खास कोचिंग से पढ़े हो।
4. हर शिफ्ट में तीन-चार सही प्रश्न को डिलीट किया गया जबकि वो एक दम सही है इससे घोटाले और भ्रष्टाचार की सम्भावना है।
5. नार्मलाईजेशन की पूरी प्रक्रिया संदेह के दायरे में है, क्यूंकि एक ही सिफ्ट में नंबर कम या ज्यादा होने की समानता नहीं है। 
6. उसी परीक्षा केंद्र पर एक घंटे देरी से exam शुरू हुआ था और बिजली भी गुल हुई थी। 
7.अकेले शिवपुरी जिले के ही कुछ युवा पटवारी बने हैं, जिनको लेकर नगर में चर्चा हैं की उन्होंने पांच लाख तक देकर बिना किसी योग्यता के एग्जाम पास कर लिया। इनको सीबीआई बुलवाकर पूरी बारीकी से जांच करें तो बड़ा खुलासा हो सकता हैं।
विचारणीय बिंदु: -
1. हाल ही में संपन्न MPTET वर्ग 03 घोटाले में भी ग्वालियर के 02 कॉलेज का नाम आ चुका है जिसकी जांच चल रही है।
2. ESB ने भर्ती बिना जैमर के करा दी गयी जबकी ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में जैमर अत्यंत जरूरी है।
ESB से छात्रों की मांग-
1. टॉप 100 छात्रों की सूची उनके परीक्षा सेन्टरों के साथ जारी हो। 2. उनकी बॉयोमेट्रिक से लेकर एग्जाम देने तक समस्त वीडियोग्राफी जारी की जाए।
3. उनके एग्जाम में लगे समय को भी सार्वजनिक किया जाए ताकि ये पता लग सके की इन्होंने कितनी देर में एग्जाम के प्रश्नों को हल किया है ESB के पास ये जानकारी होती है।
4. पूर्ण परीक्षा की CBI जांच हो।
आम पाठकों की कलम से
प्रदेश भर में रोजगार की हालत खराब हैं। युवाओं का भविष्य संकट में हैं। जो लोग सेवाओं से रिटायर होते जा रहे हैं लंबे समय से उन जगहों पर नई भर्ती नहीं की जा रही। भर्ती निकलती नहीं और निकली भी तो भारी भरकम फीस वसूलकर परीक्षा में पेपर आउट होने से लेकर घपले बाजी आम हो चुकी हैं। संविदा को भले सरकार ने अभी राहत दे दी लेकिन करीब ढाई लाख out sors कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में हैं। ये एक ठेका पद्धति हैं जो सरकार अपने लाडले ठेकेदार को ठेका देकर उसके माध्यम से कर्मचारी रखती हैं जिसका शोषण किया जाता हैं। वेतन कम देने के अलावा कभी भी युवाओं को घर बैठा दिया जाता हैं।  कुल मिलाकर युवाओं की जिंदगी खतरे में हैं। हाल ही में सीखो कमाओ योजना की घोषणा की गई लेकिन उसकी ऊपर से साइड बंद पड़ी हैं। अतः सरकार को अपनी साख बचाने के लिए पटवारी भर्ती की परतें  तीव्र जांच करवाकर खोलनी चाहिए और जो दोषी मिले उसके विरुद्ध ऐसी कारवाई की जानी चाहिए जिससे भविष्य में कोई युवाओं के जीवन से खिलवाड़ न कर सके। 











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