Dhamaka Sawan 2023: इस साल अधिकमास होने के चलते सावन 2 महीने यानी 59 दिनों का है और सावन में कुल 8 सोमवार पड़ रहे हैं, लेकिन इसमें केवल 4 सावन सोमवार ही व्रत के लिए मान्य होंगे.
19 साल बाद बना हैं ऐसा योग
Sawan सावन महीने की शुरुआत मंगलवार 4 जुलाई 2023 से हो गई है और इसका समापन 31 अगस्त को होगा. इस बार सावन में अधिकमास लगा है, जिस कारण सावन दो महीने का है. इसमें अधिकमास की अवधि 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगी. इस साल सावन 59 दिनों का होगा. पंचांग के अनुसार, 19 साल बाद ऐसा योग बन रहा है जब सावन पर बहुत ही खास संयोग बन रहा है.
सावन के सोमवार पर क्या रहेगा शुभ मुहूर्त
इस बार सावन का पहला सोमवार का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 38 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक चलेगा. इस दौरान भगवान भोलेनाथ का व्रत करें. इसके साथ ही शिव का अभिषेक भी करें. ऐसा करने से सभी कष्ट दूर होंगे और आपकी सभी मनोकामना पूरी होगी.
क्या है सावन के सोमवार की मान्यता
मान्यता है कि सावन के सोमवार का व्रत रखने से सभी मनोकामना पूरी होती है. यह व्रत सुहागिन महिलाओं को जरुर करना चाहिए. इस व्रत को करने से सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है. ये व्रत अगर कुंवारी कन्याएं रखती हैं तो उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है.
सावन में ऐसे करें भगवान शिव की पूजा
सावन के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें. इसके बाद शिव मंदिर या घर में शिवलिंग पर गंगाजल या दूध चढ़ाएं. इसके बाद फूल-फल भगवान को समर्पित कर दे. शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने की मान्यता है. भोलेनाथ की पूजा कर पवित्र मंत्र 'ओम नमः शिवाय' का जाप करें. महामृत्युंजय मंत्र का जाप भगवान शिव के नाम पर 108 बार किया जाता है.
इसके बाद भगवान से अपनी मनोकामना के लिए भगवान से प्रार्थना करें. सावन महीने में शिवजी की पूजा, जलाभिषेक के साथ ही सोमवार के व्रत का विशेष महत्व होता है. सावन में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार को व्रत रखने का विधान है. आमतौर पर सावन में सोमवार के व्रत की संख्या 4-5 होती है. लेकिन इस बार अधिकमास लगने के कारण सावन में कुल 8 सोमवार पड़ेंगे, जिसमें 4 सावन और 4 अधिकमास के सोमवार होंगे.
8 सावन सोमवारी, व्रत में 4 होंगे मान्य
अधिकमास लगने के कारण इस साल सावन दो महीने का होगा और सावन के सोमवारी व्रत भी दो चरणों में संपन्न होंगे. इसमें पहला चरण 04 जुलाई से 17 जुलाई तक होगा. इन 15 दिनों की अवधि में पंचांग के अनुसार, सावन माह की कृष्ण पक्ष रहेगी. इसके बाद अगले 15 दिन यानी सावन माह का शुक्ल पक्ष 17 अगस्त से 31 अगस्त तक होगा. इन्हीं दोनों चरणों की तिथियों में पड़ने वाले सोमवार के दिन सावन सोमवार का व्रत रखना मान्य होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई, दूसरा सोमवार 17 जुलाई, तीसरा सोमवार 24 जुलाई, चौथा सोमवार 31 जुलाई, पांचवां सोमवार 7 अगस्त, छठा सोमवार 14 अगस्त, सातवां सोमवार 21 अगस्त और आखिरी आठवां सोमवार 28 अगस्त को पड़ेगा.
व्रत के लिए ये तिथियां हैं मान्य
सावन का पहला सोमवार व्रत- 10 जुलाई 2023
सावन का दूसरा सोमवार व्रत- 17 जुलाई 2023
सावन का तीसरा सोमवार व्रत- 21 अगस्त 2023
सावन का चौथा सोमवार व्रत- 28 अगस्त 2023
इसके अलावा 18 जुलाई से 16 अगस्त तक मलमास या अधिकमास में जो सोमवार पड़ेंगे वो व्रत के लिए मान्य नहीं होंगे. इसकी तिथियां हैं- 24 जुलाई, 31 जुलाई, 7 अगस्त और 14 अगस्त.
क्या होता है अधिकमास
अधिकमास हिंदू पंचांग के अनुसार, हर तीसरे साल के बाद लगता है. इसे मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. जिस चंद्र मास में सूर्य संक्रांति नहीं होती, उसे अधिकमास कहते हैं. मलमास में शुभ मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. इस साल सावन महीने में अधिकमास लगा है. इससे पहले 2004 में सावन में अधिकमास लगा था. ऐसे में इस बार 19 साल बाद सावन में अधिकमास लगने के कारण पूरे 2 महीने तक शिवजी की अराधना की जाएगी.
इधर ये भी जान लीजिए
अधिक मास पुरूषोत्तम मास है तो इसमें सभी सोमवार मान्य यह सहज समान्य तर्क है। निर्णय सिंधु धर्म सिंधु व शिव पुराण से समर्थित नहीं है यह कि सिर्फ चार सोमवार को ही व्रत रख सकते।
ज्योतिर्विद बृजेंद्र श्रीवास्तव, बैंगलोर

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