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धमाका बड़ी खबर: केंद्रीय मंत्री द ग्रेट श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया के निवास जय विलास पैलेस में दो घंटे रहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू President Draupadi Murmu stayed for two hours at Jai Vilas Palace, the residence of Union Minister The Great Shrimant Jyotiraditya Scindia

गुरुवार, 13 जुलाई 2023

/ by Vipin Shukla Mama
*जनजातीय नृत्य का उठाया आनंद और बच्चों को दिए चॉकलेट
*सिंधिया म्यूजियम में भ्रमण के बाद सिंधिया परिवार, मध्य प्रदेश राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ मंत्रियों के साथ किया भोजन
*महामहिम द्रौपदी मुर्मू जय विलास पैलेस में पधारने वाली देश की 7वीं राष्ट्रपति हैं
ग्वालियर। ग्वालियर के लिए 13 जुलाई 2023 का दिन ऐतिहासिक तारीखों में दर्ज हो गया। ये तब हुआ जब देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति एवं जनजातीय समुदाय से पहली राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु न सिर्फ शहर में स्थित IIITM कॉलेज के दीक्षांत समारोह में शामिल हुई बल्कि उन्होंने एतिहासिक जय विलास पैलेस में करीब 2 घंटे बिताकर मध्य प्रदेश की संस्कृति एवं कला के बारे में जाना।
महल का कार्यक्रम केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया की अगुवाई में हुआ। महामहिम जी के स्वागत में तीन नृत्यों की प्रस्तुति दी गई जिसमें, भरतनाट्यम, कथक और आदिवासी नृत्य शामिल थे। नृत्य की इस प्रस्तुति का महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साथ मिलकर लुत्फ़ उठाया।
इसके बाद परिसर में स्थापित महाराजा जीवाजी राव सिंधिया की मूर्ति के पास उन्होंने दीप प्रज्वलन किया और राष्ट्रपति जी ने “मराठा गैलरी” का भ्रमण भी किया। यह वही गैलरी है जिसका उद्घाटन पिछले वर्ष गृह मंत्री अमित शाह जी ने किया था। इस गैलरी में राष्ट्रपति जी ने हिंदवी स्वराज व मराठाओं के योगदान के गौरवशाली इतिहास के बारे में जाना। इस दौरान महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने ग्वालियर में महाराजा सर जीवाजीराव सिंधिया म्यूजियम जयविलास पैलेस की लाइनेज गैलरी, मराठा गैलरी, इंडस्ट्रियल गैलरी व प्रदर्शनी सहित दरबार हॉल आदि का अवलोकन किया।
बच्चों से मुलाकात कर बांटी टॉफी 
मराठा गैलरी में ही शहर के करीब 25 प्रतिभाशाली बच्चों के साथ राष्ट्रपति जी ने मुलाकात की और उन्हें स्नेह देते हुए चॉकलेट भी बांटे। यहाँ ‘रौशनी’ नामक एक गैर सरकारी संस्था के दिव्यांग बच्चों से भी मिलीं। ख़ास बात यह भी है कि राष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश के कोने कोने से आये कलाकारों, शिल्पकारों और कारीगरों से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने स्वर्गीय महाराजा माधोराव सिंधिया के समय से चलते आ रहे चंदेरी के कपड़ों के कार्य को भी देखा और ‘ताना - बाना’ चला रहे कारीगरों से दिल खोलकर बात चीत की।
इस प्रदर्शनी की खासियत यह थी कि मध्य भारत के सभी प्रसिद्ध कलाओं को स्थान दिया गया था । गोंड पेंटिंग से लेकर बाथ प्रिंट, बांस से बनी कलाकृतियां, ग्वालियर के पत्थरों की नक्काशी की भी प्रस्तुति दी गई। इस प्रदर्शनी का आयोजन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की धर्मपत्नी श्रीमती प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया द्वारा किया गया। प्रियदर्शनी राजे सिंधिया जी आरण्य नामक (aaranya) संस्था संचालित करती हैं, इस संस्था के माध्यम से वह प्रदेश की कला और संस्कृति का संरक्षण सुनिश्चित करने के साथ ही कारीगरों को रोजगार देने का प्रयास कर रहीं हैं।
इसके उपरांत राष्ट्रपति जी विशेष भोज के लिए सिंधिया परिवार, माननीय राज्यपाल श्री पटेल, मुख्यमंत्री श्री शिवराज जी एवं मध्य प्रदेश के वरिष्ठ मंत्रियों नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट, प्रद्युमन सिंह तोमर, सांसद विवेक शेजवलकर के साथ शामिल हुई। 
लजीज व्यंजन का किया रसास्वादन
उनके लिए तैयार भोजन में 19 प्रकार के व्यंजन शामिल थे, जिनको बनाने के लिए खास आदेश दिए गए थे।  किसी भी व्यंजन में अदरक, लहसुन, प्याज, काला नमक और चाट मसाला नहीं डाला गया था, यानी पूर्ण रूप से राष्ट्रपति जी की हर पसंद का ख्याल रखा गया था।
खाने की विशेष बात यह है कि इसमें महाराष्ट्र, ओडिशा और नेपाल के कई विशेष व्यंजन थे। जहां एक तरफ चना दाल थी, तो वहीं दूसरी तरफ नेपाली साग भी था। मीठे में गाजर के हलवे के साथ साबूदाना, मखाना खीर भी बनी थी। नेपाली साग से लेकर दालमा, संतुला, जीरा मूँग दाल छिलका, पनीर मखाना, भुट्टा कीस आदि का सभी अतिथियों ने आनंद लिया।
संगीत की स्वर लहरी
कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने हेतु ग्वालियर घराने के मशहूर संगीतकारों को भी बुलाया गया था जिन्होंने पूरे समय सुन्दर गीतों के माध्यम से वातावरण को सुशोभित किया।
पुस्तकें भेंट की
कार्यक्रम के अंत में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी पत्नी ने राष्ट्रपति जी को दो पुस्तकें भेंट की - ‘Scindia, Swaraj and More’ और ‘History of possible futures’. ये किताबें संग्रहालय व सिंधिया रिसर्च सेंटर की टीम द्वारा लिखी गयी हैं और मराठा इतिहास व सिंधिया परिवार के हिंदवी स्वराज के प्रति योगदान पर लिखी गयी हैं।
प्रशंसा के साथ किया धन्यवाद
इसी के साथ राष्ट्रपति जी ने संग्रहालय के दर्शक पंजी में एक सन्देश भी लिखा, जिसमें उन्होंने बताया की संग्रहालय से उन्हें भारत परम्पराओं का परिचय मिला और उन्होंने संग्रहालय से जुड़े हर व्यक्ति की प्रशंसा भी की और अंत में सभी का धन्यवाद भी किया।
आईआईआईटीएम के दीक्षांत समारोह में हुईं शामिल
जीवन में आगे बढ़ते रहने के लिए यह जरूरी है कि हम जिस रास्ते पर चल रहे हैं उसको समय-समय पर परखते रहें। दृढ़ संकल्प के साथ सही रास्ता चुन कर आगे बढ़ जाएंगे तो लक्ष्य अवश्य प्राप्त होगा और जीवन में संतुष्टि भी मिलेगी। यह बात महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने दीक्षांत समारोह में कही।











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