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धमाका बड़ी खबर: कूनो नेशनल पार्क में तेजस चीते की मौत, गले पर मिले घाव Tejas cheetah dies in Kuno National Park, wounds found on throat

मंगलवार, 11 जुलाई 2023

/ by Vipin Shukla Mama
Kuno कूनो। कूनो नेशनल पार्क से मंगलवार को फिर बुरी खबर सामने आई हैं। तेजस चीते की मौत हो गई हैं, उसके गले पर घाव होने का आज ही पता चला और जब तक इलाज शुरू होता तब तक उसकी मौत हो गई। ये जानकारी श्योपुर वन मंडल और चीता प्रोजेक्ट को हैंडल कर रहे अधिकारियों ने दी। पीसीसीएफ जेएस चौहान ने पुष्टि करते हुए कहा है कि तेजस की गर्दन पर घाव के निशान हैं। जिन्हें देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि उसकी मौत आपसी संघर्ष के दौरान हुई है। पोस्टमार्टम बुधवार को सुबह किया जाएगा।
कूनो में पिछले 10 महीने में मरने वाला ये 7 वां चीता है। इसके पहले 26 मार्च 2023 को साशा की किडनी इन्फेक्शन से मौत हुई थी। नामीबिया से लाई गई 4 साल की मादा चीता साशा की किडनी इन्फेक्शन से मौत हो गई। वन विभाग ने बताया कि 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में साशा का ब्लड टेस्ट किया गया था, जिसमें क्रियेटिनिन का स्तर 400 से ज्यादा था। इससे ये पुष्टि होती है कि साशा को किडनी की मारी भारत में लाने से पहले ही थी । साशा की मौत के बाद चीतों की संख्या घटकर 19 रह गई। फिर  27 मार्च 2023 को ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया ये अच्छी खबर मिली। नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था। इसके साथ ही कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 23 हो गई थी। लेकिन खुशी ज्यादा दिन तक नहीं रही और 23 अप्रैल 2023 को नर चीता उदय की दिल के दौरे से मौत ने हैरान कर दिया। साउथ अफ्रीका से लाए गए चीते उदय की मौत हो गई थी। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में बताया गया कि चीता उदय की मौत कार्डियक आर्टरी फेल होने से हुई। मध्यप्रदेश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस चौहान ने बताया कि हृदय धमनी में रक्त संचार रुकने के कारण चीते की मौत हुई है। यह भी एक प्रकार का हार्ट अटैक है। इसके बाद कूनों में शावकों सहित चीतों की संख्या 22 रह गई। इसी तरह 9 मई 2023 को मादा चीता दक्षा की मेटिंग के दौरान मौत हुई। दक्षा को दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाया गया था। जेएस चौहान ने बताया कि मेल चीते को दक्षा के बाड़े में मेटिंग के लिए भेजा गया था। मेटिंग के दौरान ही दोनों में हिंसक इंटरैक्शन हो गया। मेल चीते ने पंजा मारकर दक्षा को घायल कर दिया था। बाद में उसकी मौत हो गई। इसके बाद कूनों में शावकों सहित चीतों की संख्या 21 रह गई। फिर 23 मई 2023 को ज्वाला के एक शावक की मौत हुई। मादा चीते ज्वाला के एक शावक की मौत को लेकर जेएस चौहान ने बताया कि ये शावक जंगली परिस्थितियों में रह रहे थे। 23 मई को श्योपुर में भीषण गर्मी थी। तापमान 46 से 47 डिग्री सेल्सियस था। दिनभर गर्म हवा और लू चलती रही। ऐसे में ज्यादा गर्मी, डिहाइड्रेशन और कमजोरी इसकी मौत की वजह हो सकती है। इसके बाद कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 20 रह गई। इधर 25 मई 2023 को ज्वाला के दो और शावकों की मौत हुई। पहले शावक की मौत के बाद तीन अन्य को चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया था। इनमें से दो और की मौत हो गई। अधिक तापमान होने और लू के चलते इनकी तबीयत खराब होने की बात सामने आई है। एकमात्र बचे शावक की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। इसके बाद कूनो में एक शावक सहित अब 18 चीते ही बचे हैं। 













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