हालाकि वीडियो वायरल होते ही परदेदारी शुरू हुई और अंत होते सिर्फ सात गाय की मौत होने की बात बड़े अखबारों की सुर्खियां बनी। खेर मौत तो मौत हैं एक भी कम नहीं फिर सात तो अधिक हैं। इधर वीरेंद्र रघुवंशी ने फिर सक्रियता दिखाते हुए इन गायों को आदर्श गो शाला ले जाने की बात वीडियो के माध्यम से कही।
हम इस बारे में ये कहते हैं की राजनीति से दूर इन गाय को बचा लीजिए। बीते दो साल पहले तक बाजार के कुछ सजग व्यापारी इस गो शाला की देखरेख करते थे। अपनी जेब से रुपए लगाकर टीन शेड लगवाए, चारे के स्टेंड बनवाए लेकिन जब नपा ने नगर के सांडों को इन गायों के साथ छोड़ने की बात नहीं मानी और उनको गायों के साथ ही रखते रहे तो नतीजे में गायों की मौत से दुखी ये व्यवसाई दूर हुए थे। अगर मुझे ये बात सही पता हैं तो।

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