Shivpuri शिवपुरी। कांग्रेस के शीर्ष नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह आदि भले ही बीजेपी से कांग्रेस में आने वाले मेहमानों को लेकर खुशी अनुभव कर रहे हों लेकिन इधर कांग्रेस के भीतर घमासान शुरू हो गया हैं। शनिवार को इसकी झलक भोपाल में पीसीसी दफ्तर के आसपास लगे बैनर पोस्टर में दिखाई दी थी जिसमें बाहर से आने वाले नेताओं पर भरोसा नहीं करने और घर के लोगों पर भरोसा जेसी बातें शामिल थीं तो रविवार को ये विरोध के स्वर शिवपुरी जिले में बुलंद होने लगे हैं। कल तक राकेश गुप्ता, बैजनाथ और जितेंद्र जैन गोटू की कांग्रेस में इंट्री को खामोशी से देखते रहे नेताओं ने केवल प्रस्ताव ठहराव पास करके शीर्ष नेतृत्व को इशारा किया था की बाहरी लोगों पर नहीं घर के लोगों पर भरोसा जताएं लेकिन लगातार इंट्री के क्रम में जब वीरेंद्र रघुवंशी ने कांग्रेस में इंट्री की हैं तो विरोध के स्वर आसमान छूने लगे हैं। इसकी पहली नजीर अजीत सिंह की देखने को मिली थी।
अभी ज्वाला धधक ही रही थी की इसी बीच उसमें रविवार को तड़का तब लग गया जब पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला के पुत्र आलोक शुक्ला ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए अपने दिल किनार लिख डाली। उससे साफ हो गया हैं की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सूची जारी होते ही कांग्रेस के नेताओं के विरोध का ही सामना करना पड़ेगा।
ढलती उम्र और सब्जबाग से भगदड़
जो नेता बीजेपी छोड़कर कांग्रेस के हुए उनकी बढ़ती उम्र, धन बाहुबल और सब्जबाग टिकिट की ज्योत जलाए हुए हैं। इसी कारण उन्होंने पार्टी बदलने में जरा सी देर नहीं की। हालाकि शिवपुरी में राकेश गुप्ता को उन्हीं के साले की इंट्री के साथ टिकिट की आस अधूरी लग रही थी। कोलारस से गोटू को टिकिट मिलने के संकेत के चलते वैश्य टिकिट वाले फार्मूले से उनका पत्ता पिट रहा था और बची हुई कसर वीरेंद्र रघुवंशी की इंट्री से पूरी हो गई। जिनको कोलारस में बीजेपी के पहली सूची में घोषित रघुवशी के टिकिट के चलते आभास हो गया था की उनको बीजेपी से टिकिट नहीं मिलेगा। लेकिन वीरेंद्र न सिर्फ राकेश गुप्ता बल्कि शिवपुरी के अनेक नेताओं पर बज्रपात की तरह हैं। जिसके चलते कांग्रेस में विरोध का बिगुल बजने लगा हैं।
सूची जारी होते ही और तेज होगा विरोध
कांग्रेस की सूची जारी होते ही कांग्रेस के घर की कलह आम हो सकती हैं इसके पूरे आसार हैं। इसकी एक झलक प्रस्ताव और टेहराव हैं। जो
कांग्रेस के पुराने कल्दार यानी नामी-गिरामी नेताऑ ने पास किया हैं। टिकट की घड़ी करीब आते देख कर ये सभी बेचैन होने लगे और उन्हें खतरा दिखाई दे रहा है कि धन और बाहुबल से मजबूत मेहमान नेता कहीं ना कहीं उनका टिकट काट सकते हैं और अगर ऐसा हुआ तो यह बात भारी पड़ेगी और उन्हें हाथ पर हाथ रखकर बैठना होगा। यही कारण है कि जिला कांग्रेस कमेटी के बैनर तले जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय सिंह चौहान, शहर कांग्रेस अध्यक्ष श्री प्रकाश शर्मा के नेतृत्व में में एक प्रस्ताव और ठहराव पास किया गया था जो अब भोपाल भेजा गया हैं। इस प्रस्ताव में साफ लिखा है कि कांग्रेस पार्टी में शामिल हो रहे हैं नेताओं को साढ़े तीन साल संगठन का काम करने का दायित्व सौंपा जाए जिसके बाद उन्हें टिकट दिया जाए यह प्रस्ताव पार्टी में रखा गया जिसे ध्वनिमत से पूर्व विधायक गणेश गौतम हरीवल्लभ शुक्ला श्री प्रकाश शर्मा पार्टी के जिला अध्यक्ष विजय सिंह चौहान सहित तमाम नेताओं ने एक महीने पास कर मेल किया था। और अब यह नेता भोपाल में अपने आकाओं के पास होकर आए हैं। जिसमें साफ कहा हैं की बाहरी प्रत्याशी को मैदान में उतारा तो कांग्रेसी घर बैठना पसंद करेंगे काम नहीं करेंगे।
बांझ हो फिर गोद लो समझ आता हैं लेकिन खुद के बच्चे फिर गोद क्यों
शिवपुरी के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के आकाओं से हर स्तर पर बात की। उनसे पूछा की कोई बांझ महिला बच्चे गोद ले तो समझ आता हैं लेकिन जिसके खुद के बच्चे हों वो गोद ले ये बात ठीक नहीं। मसलन कांग्रेस पर हर जगह दो से तीन प्रत्याशी हैं तो बाहर के मेहमानों को क्योनिया जा रहा। ये बात नेताओं ने भोपाल में की।
अगर सिंधिया सीएम प्रत्याशी बना दिए जाएं तो आप पर क्या गुजरेगी
शिवपुरी के नेताओं ने भोपाल में उदाहरण देते हुए वरिष्ठ नेताओं से पूछा की राहुल जी अगर आपको ये कहें कि सिंधिया की कांग्रेस में आ रहे हैं और वे ही cm प्रत्याशी होंगे तो आप पर क्या गुजरेगी। जिस पर नेताओं ने कहा की हमको सारी स्थिति का आभास हैं जो भी निर्णय होगा सारी बातों को ध्यान में रखकर होगा।
खीर खाएंगे नहीं लुढ़काएगे
हम कांग्रेसियों की बात कर रहे हैं। जिस तरह विरोध की ज्वाला जल रही हैं उसके अनुसार कांग्रेस को अपना निर्णय बदलना भी पड़ सकता हैं। घर वालों को निराश कर बाहरी पर भरोसा करना महंगा पड़ सकता हैं ऐसे में खीर खा न सके तो फेलना तय हैं।

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