शिवपुरी। श्री गणेश सांस्कृतिक समारोह समिति के तत्वावधान में चल रहे 39 वे गणेश महोत्सव के दस दिवसीय कार्यक्रम समापन आज कस्टम गेट पर मंचीय विभिन्न प्रतियोगिताओं के साथ समापन किया जाएगा।
उक्त जानकारी देते हुए श्री गणेश सांस्कृतिक समारोह समिति के संयोजक रामकृष्ण मित्तल, अध्यक्ष तेजमल सांखला, कार्यकारी अध्यक्ष मनीष जैन, उपाध्यक्ष वीरेंद्र जैन, सिद्दार्थ लढा, महासचिव महेंद्र रावत, सचिव मुकेश आचार्य , सहसचिव बृज दुबे ने संयुक्त रूप से बताया कि आज कस्टम गेट मंच पर शाम 7 बजे से मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें मुख्य अतिथि द्वारा भगवान श्री गणेश का पूजन अर्चन किया जाएगा। समिति के कोषाध्यक्ष श्याम सुंदर राठौर, स्वागत अध्यक्ष शीतल जैन, सह स्वागत अध्यक्ष वीरेन्द्र जैन पत्ते वाले, सह संयोजक इंजी पवन जैन, सौरभ सांखला, दीपक जैन, कार्तिक जैन, दिनेश गर्ग, महेंद्र सिंह राजावत, वरुण भार्गव, सचिन सैन, विष्णु सोनी, राजीव शर्मा, भूपेंद्र विकल, बासुदेव राठौर, ने कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की है।
इन प्रतियोगिताओ का होगा आयोजन
श्री गणेश सांस्कृतिक समारोह समिति द्वारा आज 28 सितम्बर को कस्टम गेट मंच पर चल झांकी प्रतियोगिता तो आकर्षण का केंद्र बिंदु रहेगी। इसके अतिरिक्त सुंदर मूर्ति, सुंदर श्री जी विमान, ग्रुप डांस , डुएट डांस, नृत्य प्रतियोगिता सोलो रहेंगी। नृत्य प्रतियोगिता को जूनियर व सीनियर वर्ग में बांटा गया है। नृत्य प्रतियोगिता के लिए खास बात यह है कि जो ग्रुप में भाग लेंगे उनके नृत्य गुरुओं को पुरस्कार वितरण के दिन सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा शहर में लगने बाले खानपान स्टॉल को भी सम्मानित किया जाएगा।
भगवान गणपति की विमान जिस मार्ग से निकलेंगे उन्हें भव्य रूप से सजाया गया है जगह-जगह लिए द्वारा व प्रसादी वितरण के स्टॉल नगर के गणमन नागरिकों सामाजिक संस्थाओं व धार्मिक संस्थाओं द्वारा लगाए जाएंगे नगर ही नहीं दूर दराज से भी हजारों भक्त भगवान श्री जी की विदाई देखने आएंगे और सारी रात मंच के कार्यक्रम के साथ-साथ खान-पान स्टालों का मो भी आनंद लेंगे कस्टम गेट दुल्हन की तरह सजा है रात्रि 8:00 बजे से विभिन्न प्रतियोगिताएं प्रारंभ हो जाएगी जो सुबह तक मंच से जारी रहेगी सभी विमान मंच के समीप से ही गुजरेंगे समिति का सभी झांकी व गणपति के भक्तों से आग्रह है केवल अपनी झांकियां व गणपति शीघ्र ही मंच के समीप लेकर आए ताकि लोग उन्हें निहार सके एवं भगवान गणपति को भावपूर्ण विदाई दे सके।

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