शिवपुरी। जिले के ग्राम दीवान की बामौर के लिए इस बार का रक्षा बंधन कुछ खास रहा। जैसा की हम सभी देशवासी रक्षाबन्धन का त्यौहार मनाते आ रहे हैं, और अपने खास भाइयों के हाथ में राखी बांधते हैं, लेकिन क्या हम में से किसी ने उन अनजान भाइयों की ओर देखा जो हमें सुरक्षा देते हुए अपने घर तक इसे मनाने नहीं आ पाते ? इसी बात को ध्यान में लाते हुए जिले के शासकीय हाई स्कूल दीवान की बामौर में राखी पर्व को खास बना दिया गया। दरअसल इस बात की प्रेरणा स्कूली छात्राओं को इसी स्कूल में पदस्थ सैन्य सेवा से निवृत्त मोहन शुक्ल "फौजी" शिक्षक से मिली। जिन्होंने पहले से ये बीडा उठा रखा है कि हर वर्ष रक्षाबंधन पर बालिकाओं को इकोफ्रेन्डली राखी बनाना सिखायेंगे और उन राखियों को सैनिकों के लिये भेजा जाएगा। यह कार्य निरन्तर 2015 से अनवरत जारी है। पूर्व संस्था में भी बालिकाओं ने इस पुनीत कार्य में बढ़ चढ़ कर भाग लिया व राखी बनाना सीखा था।
इस वर्ष मोहन शुक्ल "फौजी" जो व्यवस्था रूप में शासकीय हाई स्कूल दीवान की बामौर में प्रभारी के पद पर पदस्थ हैं, अपने इस अच्छे कार्य को यहाँ भी प्रारम्भ किया। पहले छात्राओं ने राखियां तैयार की फिर रक्षाबन्धन पर्व के अवसर पर सरस्वती, विद्यापीठ शिवपुरी में जारी NCC राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैम्प में राखी पर्व आयोजित किया गया। यहां विद्यालय की बालिकाओं ने सैनिक भाइयों को अपने गुरु के निर्देशन में बनाई राखियों को उनकी कलाई पर बाँधा।
ये रहीं टीम में शामिल
ये रहीं टीम में शामिल
विद्यालय की बालिकाओं का प्रतिनिधित्व कु. स्नेहा मिश्रा, कु. आरती लोधी, कु. साक्षी यादव, कु. बुलवुल मिश्रा, कु. मिली लोधी, कु शिवानी लोधी, कु. बिट्टी कुशवाह, कु मुस्कान कुशवाह व कु. अनुष्का कुशवाह ने किया।
इनकी कलाई पर बंधी राखी
35 NCC के कमान अधिकारी कर्नल सुदीप्त घोष, सुवेदार मेजर जय राम जाट. सुवेदार बलवीर, नरेन्द्र सिंह हरिराम नायाब सुवेदार दिलीपसिंह, हवलदार ओम प्रकाश, हरजीत, शैलेन्द्र प्रताप तथा नायक सुखनिन्दर सिंह के साथ साथ शास. महाविद्यालय की अल्फ़ा कम्पनी के NCC अधिकारी कैप्टन गजेंद्र कुमार सक्सेना, शा. उमावि क्र. 2 के द्वितीय अधिकारी विजय गुप्ता तृत्तीय अधिकारी रवि कुमार चन्द किशोर शर्मा, लेफ्टीनेंट अरविन्द तथा केयर टेकर कविताजी को भी बालिकाओं ने आनन्द व स्फूर्ति भरे माहौल में राखी बान्धकर देश की सुरक्षा व अच्छे उत्तम नागरिक बनने के सदा प्रयास का संकल्प लिया।
सराहा गया ये कदम
कर्नल घोष ने बालिकाओं का उत्साहवर्धन किया व परिचय प्राप्त किया। साथ ही मोहन शुक्ल द्वारा चलाये जा रहे छोटे से प्रयास की सराहना की।
इस कैम्प में फ़ौजी सर द्वारा पूर्व में पढ़ाये हुए छात्र/छात्रायें भी मिले तो बालिकाओं का उत्साह बढ़ा रहे थे जिन्होंने पूर्व में फौजी सर की कक्षाओं में रह कर सैनिकों के लिए रक्षा सूत्र बनाये थे।
परिचय:- मोहनकुमार शुक्ल 'फ़ौजी"
1987 में सेना में भर्ती होकर मराठा लाइट इन्फैन्ट्री की आठवीं बटालियन में सेवा दे चुके हैं, आपने श्रीलंका, जम्मू के साथ-साथ भूटान में भी सेवा दी है। 2007 में सेवानिवृत्ती के बाद परीक्षा पास की, जिसके बाद शा उ मा विद्यालय खरैह में वर्ष 2009 से 2023 लगातार सेवा दीं।
छतरी, भदैया कुंड घूमे
छात्राओं ने पहले सैनिकों को राखी बांधी इसके बाद गांव से शहर आने पर उन्हें फौजी सर ने छतरी, भदैया कुंड, बाण गंगा कुंड दिखाए। उनके इतिहास से परिचय कराया।
बच्चों के बीच पहचान फौजी सर के नाम से हुई
वर्तमान में फौजी सर शा हाई स्कूल दीवान की बामोर में सेवा दे रहे हैं। फौजी सर का ध्येय आपसी सामंजस्य के साथ समाज को उन्नत करने का तो है ही साथ ही वे पर्यावरण के भी सजग हैं। आप जहाँ जहाँ जिस विद्यालय में रहे हैं, उसके परिसर में पौधारोपण करने के लिए बच्चों को प्रेरित करते हैं। नतीजतन खरैह ग्राम के विद्यालयों में पर्याप्त मात्रा में पौधे अब तक पेड बनकर छाया व शुद्ध हवा दे रहे हैं। कुछ दिन पूर्व दीवान की बामौर में भी पौधारोपण "स्वरुचि से छात्रों को प्रेरित करके किया गया है। जबकि अमृत काल में शासन द्वारा ग्राम पंचायत को दिये गये पौधों में से 60 पौधे शा. हाई स्कूल दीवान की बामौर के लिए सरपंच जी से लिए और रोपे जिनको पालने व बढ़ा करने का संकल्प विद्यालय के स्टाफ व विद्यार्थियों ने भी दोहराया है। मोहन कुमार शुक्ल मा. शि. पूर्व सैनिक शा० हाई स्कूल दीवानकी बामौर कहते हैं की इस पुनीत कार्य को सुचारू रूप से जारी रखने में सभी सहयोगियों का धन्यवाद करता हूं जिनकी प्रेरणा से हम बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के साथ कुछ अच्छी बातें भी सिखा रहे हैं जो उनका भविष्य बनाने के काम आयेगी।

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