करैरा। अनुविभाग करैरा के अंतर्गत आने वाले ग्राम करही के विद्युत पवार हाउस से 27 गांवों के लिए विद्युत आपूर्ति की जाती है लेकिन विगत तीन वर्षों से सभी गांवों के निवासी नियमित रूप से बिजली न मिलने की समस्या से परेशान हैं तो वहीं वर्तमान समय मे एक ओर तो वर्षा न होने से फसलें बर्बाद हो रहीं हैं वहीं दूसरी ओर विद्युत विभाग भी ग्रामीण क्षेत्रों में दो से चार घंटे ही बिजली की सप्लाई कर रहा वो भी रात में तो कभी दिन में इसके ऊपर इसी समय में विद्युत कटौती भी कर दी जाती है, जिससे किसानों में सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त होता जा रहा है।
शहर और ग्रामीण इलाकों में एक जैसे हाल हैं। गांव में बिजली की अघोषित कटौती की जा रही है तो शहर में ट्रिपिंग से उपभोक्ता परेशान हैं। कभी रखरखाव तो कहीं फाल्ट की वजह से बिजली बंद हाे रही है।
गांव में सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिलने से किसान चिंतित हैं कि कहीं पानी नहीं मिलने से उनकी फसल न सूख जाए। किसान लगातार बिजली अफसरों के दफ्तरों में चक्कर लगा रहे हैं।लेकिन किसानों की पीड़ा सुनने कोई तैयार ही नहीं।
इसके अलावा ट्रांसफार्मर में खराबी की वजह भी सप्लाई बंद हो रही है।
जबकि किसानों को सिंचाई करने के लिए भरपूर बिजली की जरूरत है।
ट्रिपिंग की समस्या से लोग परेशान हैं कृषि फीडर में भी आए दिन कटौती हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति बेहद खराब है।
बिजली विभाग के अधिकारियों का रवैया ठीक नहीं है। उनके द्वारा जारी मोबाइल पर कभी भी फ़ोन पर बात नहीं होती है।
किसान प्रतिनिधियों ने बताई पीड़ा-
ग्राम करही के निवासी नीरज शर्मा ने बताया कि विद्युत समस्या की जानकारी किसानों द्वारा सभी अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों को बता दी गई है यदि समय रहते समस्या का समाधान नहीं किया गया तो किसान मजबूर होकर सड़कों पर उतरकर कर तीव्र विरोध करने पर मजबूर होंगे।
मुरारीलाल रावत, सरपंच ग्राम पंचायत बाँसगढ़ का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महज 2 से 4 घंटे ही बिजली मिलती है वो भी बीच बीच मे काट दी जाती है यदि इसमें सुधार नहीं हुआ तो किसान सड़कों पर उतरेगा ।
मुरारीलाल रावत, सरपंच ग्राम पंचायत बाँसगढ़ का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महज 2 से 4 घंटे ही बिजली मिलती है वो भी बीच बीच मे काट दी जाती है यदि इसमें सुधार नहीं हुआ तो किसान सड़कों पर उतरेगा ।

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