SHIVPURI शिवपुरी। शिवपुरी जिले में इन दिनों अवैध उत्खनन रुकने का नाम नही ले रहा इसे विभाग के अधिकारियों की लाचारी समझे या अवैध उत्खनन कर्ताओ के मजबूत हौंसले जिसके चलते इस अवैध कार्य पर कोई भी करवाई करने में विभाग नाकाम है।
जिले के करैरा की चर्चित कल्याणपुर आदि खदानों पर रात दिन पनडुब्बी के जरिए सैकड़ों वाहनों से रात दिन रेत का अवैधउत्खनन किया जा रहा हैं। बंदूकों के साए में खुलेआम रेत माफिया दम से अवैध उत्खनन करवा रहा हैं। उसकी हिम्मत जंगल में तो कई बार दिखी लेकिन बुलंद हौसले आज शिवपुरी झांसी फोरलेन पर करेरा के टीला इलाके में दिखाई दिए जब एक साथ कई बंदूक धारी खनन माफिया खुलेआम बंदूके लहराता दिखाई दिया। बता जा रहा हैं की अवैध उत्खनन को लेकर माफिया के दो गुट आपस में भिड़ गए। फायरिंग को नौबत आ गई थी। इधर जिला प्रशंसन ने चुप्पी ओढ़ ली हैं।
घटना को लेकर उफने सतीश फोजी
घटना को लेकर उफने सतीश फोजी
रेत माफिया से आमजन परेशान हैं। नेशनल हाईवे करैरा में साईं दरवार होटल के सामने खुलेआम लहरा रहा रहे हैं बंदूके प्रशासन और पुलिस विभाग ने किया मोंन धारण। कलेक्टर साहब और एसपी साहब से निवेदन इन बंदूक वाले दहशतगर्दों को चिन्हित करके लाइसेंस निरस्त कर कानूनी कार्यवाही करें।
होटल साईं दरबार क्षेत्र के आसपास जितने भी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं कृपया उनके सीसीटीवी फुटेज मंगाकर कार्रवाई होनी चाहिए जिससे कि क्षेत्र में शांति का राज्य स्थापित रहे और दहशतगर्द दोबारा कभी भी इस प्रकार की हरकत करैरा क्षेत्र में ना करें।
सतीश फौजी
पूर्व जिला पंचायत सदस्य
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इधर इन इलाकों में भी दम से खनन
वन मंडल शिवपुरी की रेंज शिवपुरी के अर्जुनगमा, मोरई, सियाई पथाई, चिरकुंडा, कंडुआ, दबिया में अवैध उत्खनन रुकने का नाम नही ले रहा है। यहाँ दिन रात अवैध उत्खनन नई नई (जे सी बी, एल & टी) मशीन को जंगल में खुले आम दिन रात चला करकिया जा रहा है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इसके सूचना भी हैं पर इस पर कोई करवाई नही की जा रही है जिससे इसमें विभागीय कर्मचारियों की लापरवाही एवं संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता!
फर्शी पत्थर की आड़ में हो रहा खनन
यह पूरा कारोबार वन क्षेत्र के पास में स्वीकृत फर्शी पत्थर की लीज के आड़ में किया जा रहा है। कुछ दिन पूर्व वन टीम द्वारा दो ट्रेक्टर एक सुरवाया और एक बरोधी क्षेत्र से अवैध उत्खनन करते पकड़े गए थे परंतु उन दोनों ट्रेक्टर को मुक्त कर दिया गया था जबकि विभाग के पास इस बात के पुख्ता सबूत थे कि ये जंगल से अवैध उत्खनन करके लाए गए थे।एनजीटी के निर्देश भी हवा में उड़ाए
माननीय न्यायालय (NGT) ने भी इस अवैध उत्खनन पर कुछ समय पूर्व संज्ञान लिया था जिसमे NGT की प्रिंसिपल बेंच द्वारा ये आदेश दिया गया था कि अवैध उत्खनन पर रोक लगाई जाए एवं इससे बने गड्डों को भरने का कार्य किया जाए परंतु इसको रुकवाने की जगह इस अवैध उत्खनन ने और तीव्र गति पकड़ी है जिससे रोज लाखो रुपया की वन संपदा नष्ट की जा रही है और प्राकृतिक दोहन किया जा रहा है।

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