इन दिनों कॉलेज के प्राचार्य एनके जैन और जन भागीदारी अध्यक्ष डॉ रश्मि गुप्ता की देखरेख में कॉलेज के पिछले भाग में नवीन बिल्डिंग बनकर तैयार हुई हैं। वैसे तो किसी भी कॉलेज में विकास कार्य होते ही रहते हैं लेकिन लाल कॉलेज की जिस नई बिल्डिंग का निर्माण हाल ही में किया गया उसे हेरिटेज लुक लिए पुरानी बिल्डिंग की तर्ज पर ही तैयार किया गया हैं। जिससे दोनों बिल्डिंग का स्वरूप पूरी तरह निखर आया हैं। नवीन बिल्डिंग को पुरानी बिल्डिंग से लिंक कर बेहद शानदार ढंग से इसका निर्माण प्राचार्य एनके जैन ने स्वयं की निगरानी में करवाया हैं।
मीटिंग के लिए छोटा हॉल, कार्यक्रम के लिए बड़ा हॉल या कहिए ऑडिटोरियम
नवीन भवन में एक छोटा हॉल आकर्षक ढंग से बनाया गया हैं जबकि बड़ा ऑडिटोरियम हॉल का निर्माण भी किया गया हैं। जिसमें कोई भी बड़ा आयोजन आसानी से हो सकेगा। कॉलेज में 20 साल बाद साइंस सहित सभी प्रयोगशालाएं (लेब) शुरू हो सकेंगीं। तीन मजिला नई बिल्डिंग में न केवल लिफ्ट होगी, बल्कि सभी तरह की लेब व इक्यूब्ड लाईब्रेरी, 8 क्लास रूम, 12 आधुनिक सर्वसुविधायुक्ल टॉयलेट बनाई जा रही हैं। जबकि पुरानी बिल्डिंग का जीर्णोद्धार करने के साथ ही क्लासरूम का पूरा फर्नीचर नया लगाने के साथ ही क्लास में डिजीटल शिक्षा के लिए हवा में प्रोजेक्टर लटकाने के स्टैंड भी लगाए जा रहे हैं। यानि कॉपी-किताब में शब्दों के अलावा ऑनलाइन वीडियो रूप में भी छात्राएं पढ़ाई कर सकेंगी।
वो हॉल संवारे जो सालों से पड़े थे बंद
कहते हैं मन में अच्छा करने की ललक हो तो कोई काम असंभव नहीं। इसी तरह का निर्माण लाल कॉलेज में हुआ हैं। पुरानी बिल्डिंग से नई बिल्डिंग की लिंक के रास्ते में सीढियां और हॉल कई सालों से बंद पड़े थे। इन सभी को खोलकर नए सिरे से संवारा जा चुका हैं।
17 हजार किताबों की विशाल लाइब्रेरी तैयार
छात्राओं के लिए 17000 किताबों की विशाल लाइब्रेरी भी तैयार की जा चुकी हैं। जिसमें छात्राएं अध्ययन कर सकेंगी।
खुद किया अध्ययन आज प्राचार्य
कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य एनके जैन इसी कॉलेज के एक समय विद्यार्थी रहे हैं। जब उन्हें प्राचार्य पद संभालने का मौका मिला और कॉलेज जीर्णोधार के लिए राशि आवंटित हुई तो उन्होंने उसे यादगार ढंग से बनाने में रात दिन एक कर दिया। करीब दो साल में अवकाश बिना लिए वे बारीकी से बिल्डिंग को तैयार करवाते रहे।
बायोमेट्रिक हस्ताक्षर करती हैं छात्राएं
कन्या महाविद्यालय में पढ़ने वाली सभी छात्राएं बायोमेट्रिक मशीन से हस्ताक्षर करती हैं। उनके आने जाने की गणना मशीन से होती हैं।
टीम ने किया निरीक्षण, दिए सुझाव
उक्त निर्माण के बाद इस बिल्डिंग का उद्घाटन खेल मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया के कर कमलों से होना हैं। इसके पहले नगर के गणमान्य लोगों ने बिल्डिंग का निरीक्षण किया। आवश्यक सुझाव भी दिए। इस टीम में वरिष्ठ बीजेपी नेता विमलेश गोयल, ओमप्रकाश खंडेलवाल, वरिष्ठ पत्रकार आलोक एम इंदौरिया, विपिन शुक्ला, संजीव बांझल, संजय गौतम, भानु दुबे, मंडल अध्यक्ष केपी परमार, गिर्राज शर्मा आदि मौजूद थे।
विश्व बैंक से मिली राशि
मध्यप्रदेश सरकार ने विश्व बैंक परियोजना के तहत प्रदेश के ऐसे कॉलेजों की डीपीआर मांगी थी, जिनका इन्फ्रास्ट्रक्चर बहुत पुराना होने के साथ ही बिल्डिंग भी कमजोर हो गई हो। इस परियोजना में शिवपुरी के गल्र्स कॉलेज का प्रस्ताव भी भोपाल भेजा गया था। इस कॉलेज के जीर्णोद्धार करने तथा नई बिल्डिंग बनाए जाने के लिए विश्व बैंक से साढ़े 9 करोड़ रुपए की राशि दो साल पूर्व ही स्वीकृत हो गई थी। लेकिन कोविड संक्रमण काल के दौरान काम देर से शुरू हो सका।
होटल में रुका करते थे स्टेट अतिथि: मोहिते
शिवपुरी में स्थित कन्या महाविद्यालय सिंधिया स्टेट के समय में ग्रांड होटल हुआ करता था, जिसका निर्माण 1906 में किया गया था। इस होटल में स्टेट के अतिथियों के रुकने व खाने-पीने सहित सभी तरह की सुविधाएं मिला करती थीं। चूंकि पुराना रेलवे स्टेशन भी ग्रांड होटल के सामने खुड़ा क्षेत्र में हुआ करता था, जहां ट्रेन से स्टेट अतिथि आया करते थे। स्टेशन से निकल कर चंद कदम की दूरी पर ही वे ग्रांड होटल में पहुंच जाया करते थे। आजादी के बाद जब मध्यप्रदेश की स्थापना हुई, तब इसे कॉलेज के रूप में परिवर्तित कर दिया गया। पहले छात्र छात्राओं दोनों की सयुक्त कक्षा लगती थी बाद में बिल्डिंग सिर्फ कन्या महा विद्यालय के लिए आरक्षित कर दी गई। पीछे संचालित एनसीसी विंग को भी शिफ्ट कर दिया गया।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें