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विश्व सफाई दिवस, स्वच्छता से ही स्वस्थ एवं सशक्त भारत संभव : रवि गोयल सामाजिक कार्यकर्ता

शनिवार, 16 सितंबर 2023

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। हर साल 24 सितंबर को विश्व सफाई दिवस होता है, इस दिवस का उद्देश्य सफाई कार्यों में भाग लेने के लिए समाज के सभी क्षेत्रों को प्रोत्साहित एवं प्रेरित करके कुप्रबंधित अपशिष्ट संकट के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। व्यक्तियों, सरकारों, निगमों और संगठनों को सफाई में भाग लेने और कुप्रबंधित कचरे से निपटने के लिए समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक शक्ति शाली महिला संगठन द्वारा आज शासकीय हाई स्कूल फिजिकल कॉलोनी तात्या टोपे पर आयोजित प्रोग्राम में तीन सेकड़ा बच्चो द्वारा  वेस्ट मैटेरियल से डस्टविन तैयार किया जिससे स्कूल परिसर में अस्वच्छता एवं गंदगी से निजात मिले । क्योंकि  घर या अपने आसपास संक्रमण फैलने से बचाने और गंदगी के पूर्ण निपटान के लिये हमें ध्यान रखना चाहिये कि कूड़ा केवल कूड़ेदान में ही डालें। साफ-सफाई केवल एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि ये घर, समाज, समुदाय, देश एवं दुनिया के हर नागरिक की जिम्मेदारी है। स्कूल की प्राचार्या श्रीमती मालती भार्गव ने कहा की आज विश्ब सफाई दिवस पर आयोजित शक्ति शाली महिला संगठन के सहयोग से बच्चो को काफी उपयोगी जानकारी मिली साथ ही उन्होेमे अनुपयोगी मैटेरियल का यूज करके डस्टविन बनाए जिससे की हर क्लास को स्वच्छ रख सके इसके साथ हमें इसके महत्व और फायदों को समझना चाहिये। हमें संकल्प लेना चाहिये कि न तो हम खुद गंदगी फैलाएंगे और न किसी को फैलाने देंगे। अनेक बीमारियों पर नियंत्रण के लिये साफ-सफाई एवं स्वच्छता जरूरी है, कोरोना महामारी के दौरान हमने स्वच्छता का महत्व गहराई से समझा। सफाई के विषय में एक कहावत बहुत मशहूर है, कि प्रत्येक व्यक्ति अपना-अपना आँगन साफ करें तो पूरी दुनिया स्वच्छ हो जाए।सीधी सच्ची बात है कि सफाई सभ्यता का अंग है। जब तक हमारे घर, द्वार और रास्ते गंदे रहेंगे, हमारी आदते गन्दी रहेंगी तब तक हम अपने आपको सभ्य और सुसंस्कृत नहीं कह सकते। संस्था के कोऑर्डिनेटर साहब सिंह ने कहा की हम साफ और स्वच्छ रहकर ही अपने आदर्शों एवं सिद्धान्तों की रक्षा कर सकते हैं। सफाई प्रकृति का एक मौलिक गुण है।  स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हम सभी के लिये बहुत जरूरी है। हमें अपने घर, पालतू जानवर, अपने आस-पास, पर्यावरण, तालाब, नदी, स्कूल आदि सहित सबकी सफाई करते रहना चाहिए। हमें सदैव साफ, स्वच्छ और अच्छे से कपड़े पहनना चाहिये। ये समाज में अच्छे व्यक्तित्व और प्रभाव को बनाने में मदद करता है, क्योंकि ये आपके अच्छे चरित्र को दिखाता है।  स्वच्छता हमें मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक हर तरीके से स्वस्थ बनाता है। सामान्यतः, हमने हमेशा अपने घर में ये ध्यान दिया होगा कि हमारी दादी और माँ पूजा से पहले स्वच्छता को लेकर बहुत सख्त होती हैं, तब हमें यह व्यवहार कुछ अलग नहीं लगता, क्योंकि वो बस साफ-सफाई को हमारी आदत बनाना चाहती हैं। हर अभिवावक को तार्किक रूप से स्वच्छता के उद्देश्य, फायदे और जरूरत आदि के बारे में अपने बच्चों से बात करनी चाहिये। उन्हंे जरूर बताना चाहिये कि स्वच्छता हमारे जीवन में खाने और पानी की तरह पहली प्राथमिकता है। प्रोग्राम में तीन सेकड़ा बच्चो के साथ साथ स्कूल स्टाफ एवम शक्ति शाली महिला संगठन की पूरी टीम ने भाग लिया।














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