आया। सांड इतनी तेजी से बाइक के पीछे दौड़ रहा था की कोई इनकी चपेट में आता तो उसका बचना मुश्किल था। इस तरह के नजारे शहर में आए दिन देखने को मिल रहे हैं और आवारा मवेशी, जानवर हिंसक रूप लेते जा रहे हैं। इधर नगर पालिका जिसकी जिम्मेदारी है कि आवारा पशु, जानवर पकड़े लेकिन वह कागजों तक सिमटी हुई है और दिखावे के लिए अभियान चलाती है। हकीकत ये हैं की शहर की सभी सड़कों पर आवारा पशु और जानवर दिखाई दे रहे हैं यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाया गया तो कोई गंभीर हादसा फिर पेश आ सकता हैं। बता दें की शहर में चार से अधिक लोगों की जान सांड और गाय के हमले में जा चुकी है लेकिन उसके बाद भी नगर पालिका के कान में जू नहीं रेंग रही।

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