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धमाका बड़ी खबर: नगरपालिका दुकानों के करोड़ों के बकायादारों के लगे पोस्टर, रसूखदारों की हैं गरीबों के नाम पर उठी नपा की दुकानें इसलिए नपा की देनदारी बचाकर खाते हैं ब्याज, नपा दिन व दिन होती जा रही फुकलेट, जांच हो तो कई दुकानें हो जायेंगी खाली, नियम विरुद्ध अपात्रों ने फर्जी दस्तावेजों से कब्जा रखी दुकानें एक बार फिर बोली नपा, बकाया राशि जमा नहीं की तो दुकानें होंगी राजसात

बुधवार, 20 सितंबर 2023

/ by Vipin Shukla Mama
नगरपालिका की 80 दुकानों के मालिक ने 10 साल से जमा नहीं किया 2.20 करोड़ किराया
शिवपुरी। शहर के हृदय स्थल माधव चौक चौराहे से लेकर तिराहे, कमलागंज, पुरानी शिवपुरी इलाकों में इन दिनों नगरपालिका दुकानों के बकायादारों के नाम वाले पोस्टर खासी चर्चा बटोर रहे हैं। नपा ने अपनी दुकानें बनाई जिसे टेंडर एवम बोली के माध्यम से बेचा लेकिन पिछले 10 साल से दुकानदारों ने न तो प्रीमियम भरा और न ही किराया दिया जिससे नगरपालिका को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। यहां तक कि इनमें से कुछ दुकानदारों ने तो फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से गरीबों के नाम पर दुकान हथिया रखी हैं। और कुछ दुकानों को तो बेच भी दिया है या फिर भाड़े पर उठा दिया है जबकि नगरपालिका को इनके बदले में मिलने वाला राजस्व आज तक नहीं मिला। आखिर नपा बकाया राशि के बाबजूद क्यों नरमी बरत रही हैं ये समझ से परे हैं। 
रसूखदारों के कब्जे में दुकान, गोदाम बनाए दुकानों में
नपा का उद्देश्य दुकानदारों को रोजगार देने का था लेकिन जिन लोगों ने भी दुकानें किराए पर पर ली वे सभी व्यापारी और संपन्न लोग हैं। नगरपालिका को इस और भी ध्यान देना चाहिए की जो दुकानें बेची गई है उन्हे कौन चला रहा है। हकीकत ये हैं की दुकानों को गोदाम बनाया हुआ हैं या किराए पर उठाया गया हैं। इधर नगरपालिका की दुकानों के दुकानदारों ने पिछले 10 साल से न तो कोई प्रीमियम जमा की है और न ही किराया दिया है । नगरपालिका की ऐसी 80 दुकानें है जिन्हे नगरपालिका राजसात करने की तैयारी में है और 7 दिन का अल्टिमेटम देकर नगरपालिका ने 29 सितंबर तक बकाया राशि जमा करने का निर्देश दिया है अन्यथा दुकानें राजसात कर दी जायेंगी। हालाकि ये महज घुड़की होती हैं अगर वास्तव में दुकान जब्त की तो सभी बकाया राशि आ सकती हैं। आपको बता दे कि नगरपालिका का यह बकाया पिछले 10 साल का है जिसका अब तक लगभग 2.20 करोड़ रुपए किराया बैठता है लेकिन जब भी नगरपालिका ने वसूली के प्रयास किए तब किसी पॉलिटिकल प्रेशर में आकर अपना हाथ पीछे खींच लिया। यदि यह वसूली समय समय पर होती रहती तो यह सारा पैसा शहर के विकास कार्यों में खर्च होता। नगरपालिका ने जो दुकानें आवंटित की है वे शहर की मुख्य जगह जैसे तांगा स्टैंड, फिजिकल थाना, पत्रकार भवन, टूरिस्ट वेलकम सेंटर, सावरकर पार्क, कमलागंज, शादी घर, लुहारपुरा पुलिया आदि अन्य जगह है। लेकिन 80 दुकानदार ऐसे जिन्होंने 50 फीसदी राशि भी नगरपालिका में जमा नहीं की है इसलिए पहले तीन नोटिस देने के बाद अब अंतिम नोटिस दुकानदारों को दिया है कि यदि आपने प्रीमियम और किराया जमा नहीं किया तो आपकी दुकानें राजसात की जाएंगी।
चौराहे पर लगाया बैनर
नगरपालिका ने अपनी वसूली के लिए शहर के ह्रदय स्थल मुख्य चौराहे पर बड़ा सा बैनर लगाकर बकायादारों के नाम सार्वजनिक कर दिए है जिसमे शहर के कई नामचीन लोग है जिन्होंने दुकानों का किराया जमा नहीं किया है नगरपालिका ने यह काम इसलिए किया है कि शर्मिंदगी के चलते शायद ये लोग दुकानों का बकाया जमा कर दें नहीं तो 29 सितंबर के बाद इनकी दुकानें राजसात होंगी।













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