जनआशीर्वाद यात्रा में आज थांदला-पेटलावद में भाजपा कार्यकर्ताओं को केंद्रीय मंत्री द ग्रेट श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया सम्बोधित
थांदला। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में चल रही जनआशीर्वाद मालवा के थांदला-पेटलावद क्षेत्र में पहुँची । बारिश के कारण व्यवधित इस जनसम्बोधन कार्यक्रम को कार्यकर्ताओं से चर्चा में परिवर्तित किया गया । अपने भाषण में केंद्रीय मंत्री ने कहा , भाजपा की आन बान शान है ज़मीनी कार्यकर्ता । साथ में उन्होंने कार्यकर्ताओं को जीवन का मूल मंत्र बाँटा , कहा मैं सदेव मानता हूँ कि ज़िंदगी कभी भी कुर्सियों की चीज़ नहीं होनी चाहिए , ज़िंदगी अगर कोई चीज़ होनी चाहिए तो लोगों का दिल जीतने का संकल्प होना चाहिए । बारिश की कमी को किया याद, बारिश के लिए कार्यकर्ताओं से कराई प्रार्थना
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा 120 सालों में सबसे कम वर्षा इस बार हुई थी , किसान ने अपनी बुआई डाल दी थी , खाद डाल दी थी और बारिश की एक बूँद भी नहीं बरसी लेकिन देखिए जैसे जनआशीर्वाद यात्रा चल रही है जनआशीर्वाद यात्रा के साथ साथ इन्द्रदेव का आशीर्वाद भी साथ साथ चल रहा है । नदियों में उफान आ रहा है , मैं ब्रिज क्रॉस कर रहा हूँ तो दिख रहा है की नदी का लेवल बढ़ गया है । मैं चाहूँगा हम सब प्रार्थना करें की अगले 5-6 दिन ऐसे ही वर्षा हो की सारे बांधे बढ़ जाए सारे नहर भर जाए की अगले साल तक पानी की कोई कमी ना रहे ।
अगले 80 दिन भाजपा की सेना की परीक्षा, कार्यकर्ता ही करेंगे प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत के सपने को पूरा
उन्होंने कार्यकर्ताओं के सम्बोधन में शिवाजी की कहानी सुनाई , कहा “आप और हम भाजपा के कार्यकर्ता है , आप और हम सैनिक है अगले 80 दिन सेना की परीक्षा है । जनता तैयार है हमें आशीर्वाद प्रदान करने के लिए हमें जनता का मन बनाना है और हमें जनता को मतदान केंद्र तक ले जाना है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के गौरव को विश्व पटल पर पहुँचाया है, उन्होंने देश के तिरंगे को भारत के अंदर केवल गाड़ के नहीं रखा बल्कि विश्वपटल पर गाड़ के रख दिया है और चाँद पे भी गाड़ दिया है । इसीलिए जरुरी है की हम प्रधानमंत्री जी के हाथों को मज़बूत करें और अपनी बूथ की शक्ति उन तक पहुंचाए।”
इसी के साथ उन्होंने कहा की, “जिस प्रकार प्रधानमंत्री जी दिन में 16-18 घंटे देश की सेवा के लिए कार्य करते है, तो जरुरत है की हम उनसे प्रेरणा लेकर उतनी ही मेहनत करें और देश को आत्मनिर्भर बनाने के सपने को पूरा करें।”बताया शिवाजी महाराज के समय आदिवासी समाज के लोग भी होते थे सेनापति
कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा में केंद्रीय मंत्री ने बताया की “शिवाजी महाराज के 200 क़िले थे । एक एक क़िले का सेना पति होता था और कुछ किलो में हमारे आदिवासी समाज के सेनापति होते थे । मराठी में क़िले को गढ़ क़िला कहते है , अगर मराठा साम्राज्य को मुग़लों के विरुद्ध लड़ना था , अंग्रेज के विरुद्ध लड़ना था , पुर्तगालियों के विरुद्ध लड़ना था तो सबसे महत्वपूर्ण बात थी की उन गढ़ किलों की सुरक्षा होनी चाहिए , गढ़ क़िले सुरक्षा सेना पति करते थे , तो जिस प्रकार शिवाजी महाराज के 200 क़िले थे वैसे थांदला में 300 बूथ है आपको सेनापति की तरह उन बूथ पर भाजपा को विजय दिलाना हैं!”

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