शिवपुरी। देश के कुछ विपक्षी नेताओं द्वारा सनातन धर्म का समूल नाश करने का आव्हान किए जाने, सनातन धर्म को अपमानजनक संज्ञा प्रदान किए जाने और इस संबंध में प्रमुख वरिष्ठ विपक्षी नेताओं द्वारा चुप्पी साध लिए जाने से पूरे देश के साथ साथ शिवपुरी के साहित्यकारों में भी भयंकर आक्रोश व्याप्त है। इसलिए शहर के प्रमुख साहित्यकारों द्वारा अपने मन को शांत किए जाने और सनातन धर्म के घोर विरोधियों को सदबुद्धि प्रदान किए जाने हेतु प्रमुख मंदिर मां राज राजेश्वरी के दरबार में एक सामूहिक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।
इस प्रार्थना सभा में राष्ट्रीय कवि संगम के ज़िलाध्यक्ष सुकून शिवपुरी, अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रांतीय महामंत्री आशुतोष शर्मा ओज, म प्र लेखक संघ के डा मुकेश अनुरागी, म प्र निर्भीक लेखक संघ के अध्यक्ष राम पंडित, शायर आदित्य शिवपुरी, कवियत्री हेमलता चौधरी, अंजलि प्रेम दीवानी, उर्वशी गौतम, शरद गोस्वामी, आरती जैन, शैलेन्द्र जैन, रंजना श्रीवास्तव, रामगोपाल शर्मा, गुरुदत्त शुक्ला व राजेंद्र गुप्ता आदि सम्मिलित हुए।
साहित्यकारों का कहना था कि हमारा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन हम सनातन धर्म के अनुयाई हैं और हमारा संविधान हमें अपने धर्म का पालन किए जाने की स्वतंत्रता प्रदान करता है, मगर देश के कुछ विपक्षी राजनेताओं द्वारा जान बूझ कर योजनाबद्ध तरीके से जिस प्रकार से अपनी वाणी एवं कर्म से सनातन धर्म और उसके अनुयायियों पर अत्याचार किए जा रहे हैं, उससे सम्पूर्ण सनातन समाज पर ही गहरा संकट उत्पन्न हो गया है। यदि इस प्रकार के लोगों का समय रहते इलाज नहीं किया गया तो वह दिन दूर नहीं जब पूरे देश में अराजकता की स्थिति निर्मित हो जाएगी और फिर हमें भी अपनी कलम छोड़ कर धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र धारण करना होगा। सभी ने इस प्रकार के नेताओं को तुरन्त बर्खास्त कर उन्हें जेल भेजे जाने और हेट स्पीच के मामलों में कड़ी से कड़ी सज़ा का प्रावधान किए जाने की मांग की।

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