एसआई रोहित की अंतिम यात्रा करोंदी तिराहा, मोहनी सागर होते हुए घर पहुंची जहां आईटीबीपी के जवानों ने एसआई रोहित को श्रद्धांजलि दी। वहीं, अतिरिक्त एसपी रघुवंश सिंह भदौरिया, कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी सहित अन्य परिजन सहित परिचितों ने रोहित को श्रद्धांजलि दी। कुछ देर के लिए रोहित की पार्थिव देह को घर के भीतर अंतिम दर्शन के लिए ले जाया गया। रोहित की मां, बहन और पत्नी सहित अचेत थी परिजन उन्हें संभालते रहे। घर से अंतिम यात्रा अपने आखरी पड़ाव मुक्तिधाम के लिए रवाना हुई। यह यात्रा फिजिकल क्षेत्र, माधव चौक, गुरुद्वारा चौक, झांसी तिराहा, हवाई पट्टी होते हुए मुक्तिधाम पहुंची इस दौरान जगह जगह वाहन को रोककर लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर शोक व्यक्त किया। आईटीबीपी के डीआईजी रघुवीर वत्स ने वीर गति को प्राप्त हुए। एसआई के निधन पर अपनी और से शोक संवेदना व्यक्त करते हुए बताया कि एसआई के निधन के बाद परिवार को हर वो सुविधा और राहत राशि मिलेगी। जिसके वह हकदार हैं साथ ही रोहित के परिवार से एक नौकरी भी तय नियमों के आधार पर मिल सकती है।
30 जून को मिली थी बिहार की पोस्टिंग
बता दें कि रोहित चौरसिया ने 2002 को आईटीबीपी ज्वाइन की थी। रोहित की शादी 2009 में हुई। रोहित अपने पीछे एक 11 साल की बेटी उत्याशी और 4 साल का मासूम 'बेटा कृष्णन छोड़ गया है। रोहित आखरी में मधुरई आईटीबीपी बेस से जून माह में अपने घर शिवपुरी आया था इसके बाद उसे नई पोस्टिंग बिहार के पूर्णिया में मिली थी। छुट्टी खत्म होने के बाद रोहित ने 30 जून को आईटीबीपी हेड बेस ज्वाइन कर लिया था।

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