सबसे पहले अंतिम सूची की बात
भोपाल में सीएम हाउस में बीजेपी कोर कमेटी की बैठक हो रही है। जिसमें बीजेपी प्रत्याशियों की 5वीं सूची में घोषित होने वाले नामों पर चर्चा की जा रही हैं। बैठक में मध्यप्रदेश बीजेपी चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानन्द शर्मा भी मौजूद हैं। बीजेपी चार सूची में कुल 136 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। अब 94 सीटों पर प्रत्याशी घोषित होने हैं। इनमें 67 बीजेपी विधायकों के साथ ही सपा, बसपा और एक निर्दलीय विधायक की सीट पर चेहरा तय होना है। 24 हारी हुई सीटों पर भी प्रत्याशी तय होने हैं।
नौ मंत्रियों की सीटों पर भी तय होंगे चेहरे
बीजेपी की चार लिस्ट में अभी 9 मंत्री ऐसे हैं जिनकी सीट्स होल्ड रखी गई हैं। इनमें महेन्द्र सिंह सिसोदिया, ऊषा ठाकुर, गौरीशंकर बिसेन, श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया, रामखेलावन पटेल, सुरेश राठखेड़ा, ओपीएस भदौरिया और बृजेन्द्र सिंह यादव की सीटों पर चेहरे घोषित होने हैं।
खेल मंत्री सिंधिया और बिसेन पर भी मंथन
आपको विदित ही हैं की खेल मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे और बिसेन चुनाव लड़ने से मना कर चुके हैं। खेल मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया ने स्वास्थ्य कारणों के चलते चुनाव लड़ने से इनकार किया है। वहीं गौरीशंकर बिसेन भी उम्र का हवाला देकर खुद के बजाए बेटी मौसम बिसेन को उतारना चाहते हैं। ऐसे में इन दोनों मंत्रियों की सीटों पर मंथन हो रहा हैं। क्योंकि खेल मंत्री ने भले ही इंकार किया लेकिन उनके टिकिट के लिए सैकड़ों लोगों ने भोपाल कूच किया था। प्रदेश प्रभारी से मिले थे। जबकि शिवपुरी के व्यवसाई, समाजसेवी और विभिन्न लोगों ने भी खेल मंत्री सिंधिया को ही मैदान में उतारने की बीजेपी आला कमान से मांग की हैं। हालाकि शिवपुरी में बीजेपी के पास खेल मंत्री सिंधिया या केंद्रीय मंत्री द ग्रेट सिंधिया के अलावा कोई ऐसा चमत्कारी नेता नहीं जो बीजेपी को विजय के रास्ते पर आसानी से ले जा सकेगा। हां प्रयोग के नतीजे के लिए रिजल्ट का इंतजार करना होगा। शायद बीजेपी के कोर कमेटी से जुड़े नेता भी रिस्क नहीं लेंगे।
अब तक के चुनाव, बिना महल नहीं खिला कमल
बात शिवपुरी की करें तो विधान सभा चुनाव में बिना महल के शिवपुरी में कमल नहीं खिला। पहले राजमाता साहब और फिर खेल मंत्री सिंधिया की वजह से कमल खिलता रहा। जब द ग्रेट सिंधिया कांग्रेस में थे तो उनकी वजह से या उनके पिता केलास वासी सिंधिया जी की वजह से कांग्रेस जीती। मसलन महल का ही वर्चस्व रहा हैं। और जब लंबे समय से खेल मंत्री सिंधिया इस सीट पर काबिज हैं तो एक बड़ा जमीन आसमान का अंतर होने से बीजेपी को बिना सिंधिया के कठनाई हो सकती हैं।

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