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धमाका डिफरेंट: खड़गे की सभा छोड़ सचिन पायलेट ने कैप्टन से मेजर बनने दी परीक्षा, युद्ध हुआ तो उड़ाएंगे प्लेन

सोमवार, 16 अक्टूबर 2023

/ by Vipin Shukla Mama
दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की सभा छोड़ते हुए आज सचिन पायलेट ने कैप्टन से मेजर बनने दिल्ली में परीक्षा दी, युद्ध हुआ तो सचिन प्लेन उड़ाएंगे। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने आज दिल्ली कैंट में टेरिटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) में कैप्टन से मेजर पद पर प्रमोशन के लिए हुई परीक्षा में भाग लिया। परीक्षा का रिजल्ट जल्द आएगा। इसमें सफल होने के बाद पायलट टेरिटोरियल आर्मी में मेजर पद पर प्रमोट हो जाएंगे। पायलट अभी कैप्टन हैं। पायलट ने दिल्ली कैंट में प्रमोशन परीक्षा में शामिल होने के बाद अपनी यूनिट के अफसरों से मुलाकात की। पायलट ने यूनिट के अफसरों और जवानों के साथ काफी समय बिताया। प्रमोशन परीक्षा देने के कारण ही आज पायलट बारां में ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को लेकर कांग्रेस के अभियान की लॉन्चिंग पर मल्लिकार्जुन खड़गे की सभा में शामिल नहीं हुए। 
जानिए कब जॉइन की थी टेरिटोरियल आर्मी सचिन पायलट ने सितंबर 2012 में केंद्रीय मंत्री रहते हुए लेफ्टिनेंट के पद पर टेरिटोरियल आर्मी को जॉइन की थी। दो साल पहले उन्हें कैप्टन पद पर प्रमोशन मिला था। अब फिर प्रमोशन के लिए परीक्षा दी है। पायलट हर साल कुछ समय के लिए टेरिटोरियल आर्मी में सेवाएं देते हैं। सिख रेजिमेंट में वे समय-समय पर जाते रहते हैं। पायलट जब दिल्ली दौरे पर जाते हैं तो कई बार अपनी यूनिट में जाते हैं और बैठकों में शामिल होते हैं।
सचिन के पिता राजेश पायलट एयरफोर्स में स्क्वाड्रन लीडर थे
सचिन पायलट के परिवार का बैकग्राउंड सेना का रहा है। पायलट के पिता राजेश पायलट राजनीति में आने से पहले एयरफोर्स में स्क्वाड्रन लीडर रहे थे। राजेश पायलट ने फाइटर पायलट के तौर पर भारत-पाक युद्ध में कई हवाई हमलों में हिस्सा
लिया था।
युद्ध हुआ तो सचिन को मोर्चे पर जाना होगा टेरिटोरियल आर्मी एक वॉलंटियर सर्विस होती है। इसमें शामिल होने के लिए आर्मी जैसा ही सिलेक्शन प्रोसेस है। प्रवेश के लिए लिखित, फिजिकल और मेडिकल फिटनेस परीक्षा पास करनी होती है। रिटन टेस्ट के बाद सिलेक्ट होने वालों को आर्मी की ट्रेनिंग दी जाती है।
टेरिटोरियल आर्मी में अफसर बनने वालों को साल में कुछ दिन अलॉटेड यूनिट में सेवा देनी होती है। युद्ध में जरूरत पड़ने पर टेरिटोरियल आर्मी के अफसर और जवानों को बुलाया जा सकता है। युद्ध हुआ तो सचिन को भी मोर्चे पर या जहां आर्मी बुलाएगी, वहां सेवाएं देनी होंगी। टेरिटोरियल आर्मी में अफसर बनने के लिए किसी भी विषय में ग्रेजुएट होना पहली शर्त है। बाद में लिखित और दूसरी परीक्षाएं पास करनी होती हैं ।
आवश्यकता हुई तो ड्यूटी पर बुलाया जाता है
 टेरिटोरियल आर्मी में टेस्ट पास करके नेता, उद्योगपति से लेकर आम आदमी तक शामिल हो सकता है। सरकारी कर्मचारी और अफसर भी अपने विभाग से अनुमति लेकर टेरिटोरियल आर्मी जॉइन कर सकते हैं। जवान और अफसर के लिए अलग-अलग परीक्षाएं होती हैं। इसमें रेगुलर सैलरी नहीं मिलती। जब इमरजेंसी यानी जरूरत पड़ती है तभी ड्यूटी पर बुलाया जाता है। उस ड्यूटी के बदले रैंक के हिसाब से सैलरी दी जाती है।












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