शिवपुरी। हमारे शरीर के सभी अंगों को ठीक तरीके से काम करते रहने के लिए नियमित रूप से आहार के माध्यम से कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। अक्सर हम सभी कुछ खास प्रकार के विटामिन्स और प्रोटीन्स की तो चर्चा कर लेते हैं, पर इसी तरह आवश्यक मिनरल्स और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर ज्यादा बात नहीं की जाती है। आयोडीन ऐसा ही एक अति आवश्यक मिनरल है जिसकी अगर शरीर में कमी हो जाए तो यह थायराइड विकारों का कारण बन सकती है, इतना ही नहीं इसकी गंभीर कमी की स्थिति आपके ब्रेन को भी डैमेज कर देती है। ये कहना था शक्ती शाली महिला संगठन के रवि गोयल का जो की आज विश्व आयोडीन अल्पता दिवस के अवसर पर ग्राम खेरोना में आयोडीन के महत्व को समुदाय तक पहुंचाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम में समुदाय को संबोधित कर रहे थे उन्होंने कहा की हमारी सेहत में आयोडीन की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 21 अक्तूबर को वर्ल्ड आयोडीन डिफिशिएंसी डे मनाया जाता है। संस्था के कोऑर्डिनेटर विनोद गिरी ने थायराइड ग्रंथि के ठीक से काम करने के लिए आयोडीन की जरूरत होती है। शरीर को थायराइड हार्मोन बनाने के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है। शरीर में स्वयं से आयोडीन उत्पन्न नहीं होता है, इसे भोजन से प्राप्त करने की जरूरत होती है। नमक के माध्यम से हमें शरीर के लिए आवश्यक आयोडीन मिल जाता है। साहब सिंह ने कहा की यदि आपको पर्याप्त आयोडीन नहीं मिलता है, तो शरीर में थायराइड हार्मोन नहीं बन पाता है। यह स्थिति कई प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकती है। इससे गर्भपात होने, जन्म दोष, बच्चे के विकास की समस्या, बौद्धिक विकलांग्ता का खतरा रहता है। आगनवाड़ी कार्यकर्ता सिमरजीत कौर ने कहा की बहुत से लोगों को पता ही नहीं होता कि उनमें आयोडीन की कमी है। कुछ लोगों में इसके कारण गर्दन पर घेंघा विकसित हो सकता है। इसकी कमी के कारण लगातार थकान बने रहना, अप्रत्याशित रूप से वजन बढ़ने, याददाश्त की समस्या, बालों के झड़ने जैसी दिक्कतें हो सकती है। एसएमएस के सामाजिक कार्यकर्ता करण लाक्षाकार ने कहा की जिन लोगों में आयोडीन की कमी होती है, उन्हें इसके सप्लीमेंट्स देने की आवश्यकता हो सकती है। आयोडिन की कमी को रोकने का सबसे अच्छा तरीका ऐसा आहार खाना है जिसमें आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हों। कुछ प्रकार की मछलियां, झींगा, डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही और पनीर का सेवन करके लाभ पा सकते हैं। आयोडीन युक्त नमक का उपयोग सभी लोगों के लिए जरूरी है। संस्था द्वारा पचास घरों में नमक की जांच करने पर 40 सैंपल आयोडिन युक्त मिले। जिनका पीपीएम 15 से ऊपर था बाकी में ये 15 पीपीएम से कम पाया गया। प्रोग्राम में शक्ती शाली महिला संगठन की टीम के साथ साथ आधा सेकड़ा समुदाय के महिला एवम किशोरी बालिकाओं के साथ साथ बच्चो ने प्रमुख रूप से सक्रिय सहभागिता की।

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