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ग्लोबल हैंड वाशिंग डे, "हमारा हाथ, हमारा भविष्य" का नारा दिया: रवि गोयल

रविवार, 15 अक्टूबर 2023

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे प्रति वर्ष 15 अक्टूबर को मनाया जाने वाला वार्षिक विश्व समर्थित दिवस है जो साबुन के साथ हाथ धोने एवं बीमारियों से बचाव और जीवन की सुरक्षा के लिए एक आसान, प्रभावी और बेहतर तरीके के रूप में जागरूकता बढ़ाने और समझने के लिए समर्पित है। शक्ति शाली महिला संगठन एवम शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से शासकीय माध्यामिक विध्यालय मुढ़ेरी में एक सेकड़ा बच्चो के साथ चित्रकला एवम हाथ धुलाई की सही तकनीक पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जिसमे संस्था के कोऑर्डिनेटर साहब सिंह धाकड़ ने बताया कि खाना बनाते या खाना खाने से पहले और शौच के बाद, साबुन से हाथ धोने से तेज श्वास संक्रमण की दर को 23 प्रतिशत और डायरिया की दर को 40 प्रतिशत से अधिक तक कम किया जा सकता हैं। एक अध्ययन से पता चलता है कि बच्चों का प्रसव कराने वाले व माताओं के साबुन से हाथ धोने से नवजात शिशु के जीवित रहने की संभावना 44 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं। महिला सामाजिक कार्यकर्ता ववीता कुर्मी ने कहा की प्रथम ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे 2008 में मनाया गया, जिसमें विश्व भर के 70 से अधिक देशों के 120 मिलियन से अधिक बच्चों ने साबुन से हाथ धोये । 2008 के बाद से, समुदाय और राष्ट्रीय नेताओं ने हाथ धोने, सिंक एवं टिपी नल बनाने और साफ हाथों की सादगी तथा मूल्य का प्रदर्शन करने के लिए ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे का इस्तेमाल किया है। प्रतिवर्ष विश्व भर के 100 से अधिक देशों में 200 मिलियन लोग इस दिवस के आयोजन में शामिल होते हैं। स्कूल के हेड मास्टर करण सिंह शाक्य ने कहा की " हाथ धोना एक सरल लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण व्यवहार है जो प्रदेश में बच्चों में डायरिया से होने वाली मृत्यु को पचास फीसदी और श्वास संबंधी बीमारियों से होने वाली मृत्यु को एक चौथाई तक रोक सकता है। पांच वर्ष से छोटे बच्चों में होने वाली मृत्यु को कम करने हेतु सबको  मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है जिससे हाथ धोने के सन्दर्भ में जागरूकता पैदा की जा सके और इस व्यवहार को प्रोत्साहित किया जा सके साथ ही घरेलू स्तर पर हाथ धोने के व्यवहार को बढ़ावा दिया जा सके और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं और स्कूल एवम आंगनवाड़ी केन्द्रों जैसे संस्थानों पर हाथ धोने संबंधी सुविधाओं को सुनिश्चित किया जा सके| संस्था के रवि गोयल ने कहा की  हाथों को धोना निम्न स्थितियों में अनिवार्य हैं खाना-खाने से पहले और बाद में। नवजात शिशु को छूने से पहले। शौच के बाद। छींकने, खांसने या नाक साफ़ करने के बाद। जानवर या जानवरों के कचरे को छूने के बाद। कचरे से निपटने के बाद।
घावों के उपचार से पहले और बाद में। बीमार या घायल व्यक्ति को छूने से पहले और बाद में।
सर्दी को दूसरों तक फैलाने से रोकने के लिए 10 बार हैंड वाश का नियमित हाथ धोने का अभ्यास करें। सबसे महत्वपूर्ण बात, हाथ धो लो एवम बीमारी से बचो। कार्यक्रम में एक सैकड़ा स्कूल के बच्चों के साथ-साथ रामबाबू गुप्ता, विनय कुमार, संदीप शर्मा, संजय रावत ,रुचि कुशवाहा एवं रीना रावत ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।













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