कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंधिया ने मूल्य और सिदांतों की बात को समझाने के लिए कुछ अलग अंदाज में कहा कि जिस डिब्बे को हम लेकर आए थे उसे नोकर होना था लेकिन समझकर लाए थे आज वो मालिक बन गया हैं। उठाओ तो आफत नहीं उठाओ तो आफत, इसलिए मोबाईल को तिलांजली दे दो, लोगों के गले लगने में लग जाओ।बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मैं दिखता हुं नौजवान, लेकिन मैं भी बूढ़ा हो रहा हूं, आत्मा मेरी बहुत बूढ़ी है। सिंधिया ने कहा कि मुझे पुराना सिस्टम अच्छा लगता है। पुराना सिस्टम मूल्यों का सिस्टम होता था, पुराना सिस्टम सिद्धान्तों का सिस्टम होता था। पुराना सिस्टम अगर किसी को अपनी जबान दे दी तो भैया जान चली जाए लेकिन वापस नहींआएगी। वो उसूलों का जमाना था। उन उसूलों के जमाने में आपको और हमें लौटना होगा मेरे भाईयों।
बोले- कांग्रेसी एक दूसरे के कपड़े फाड़ने की बात करते हैं। सिंधिया ने अपने चिर परिचित अंदाज में भाषण दिया।

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