शिवपुरी। हर साल 10 अक्तूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी प्रदान करना है।आज शक्ती शाली महिला संगठन द्वारा शिक्षा विभाग के साथ संयुक्त रूप से शासकीय माध्यमिक विद्यालय नोहरी कला में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया और बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में समझाया मानसिक तनाव से मुक्ति के राज्य मास्टर ट्रेनर एवम सामाजिक कार्यकर्ता ललित झा ने कहा की मानसिक स्वास्थ्य की सही देखभाल व्यक्ति को खुश और समृद्ध जीवन जीने में मदद करती है। स्ट्रेस या तनाव एक प्रकार का मानसिक स्वास्थ्य विकार है जिसका जोखिम तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में इस विकार के मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों के लिए अपने शारीरिक स्वास्थ्य की ही तरह से मानसिक सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी है। दोनों स्वास्थ्य एक दूसरे पर निर्भर होते हैं, यानी अगर आप स्ट्रेस-एग्जाइटी जैसी मानसिक समस्याओं के शिकार हैं, तो इसका असर शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करने वाले हो सकते हैं। स्कूल के गुरु जी जितेंद्र व्यास ने इस अवसर पर कहा की मेंटल हेल्थ यानी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बेहद जरूरी है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के लिए प्रति वर्ष एक अलग थीम निर्धारित की जाती है। इस बार की थीम है- "मेंटल हेल्थ इज ए यूनिवर्सल ह्यूमन राइट । स्कूल के कृष्ण भारद्वाज ने कहा की वर्तमान जीवनशैली में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण लोग मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। मानसिक विकार शरीर पर प्रभाव डालने के साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाते हैं। इन्हीं मानसिक विकारों के प्रति लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। प्रोग्राम में शक्ति शाली महिला संगठन की टीम के साथ स्कूल के एक सेकड़ा बच्चे एवम शिक्षक शिक्षिका ने भाग लिया।

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